बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण मामला: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी, अगली तारीख आदेश में जारी होगी — फिलहाल दो महीने बाद की संभावना

हल्द्वानी न्यूज़– बहुचर्चित बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण मामले की सुनवाई शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई। जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस जयमाला बागची की बेंच के समक्ष रेलवे, राज्य सरकार और कब्जेदारों की ओर से पेश अधिवक्ताओं ने अपनी–अपनी दलीलें रखीं। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई तक कार्यवाही स्थगित कर दी। सूत्रों के अनुसार अगली तारीख लगभग दो महीने बाद हो सकती है, हालांकि आदेश में स्पष्ट तिथि लिखकर जारी की जाएगी।
सुनवाई के दौरान रेलवे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी उपस्थित रहीं, जबकि राज्य सरकार की ओर से अभिषेक अत्रे ने पक्ष रखा। रेलवे ने न्यायालय के समक्ष कहा कि रेल सेवाओं के विस्तार एवं निर्माण के लिए 30 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है और इस भूमि पर हुए अतिक्रमण को शीघ्र हटाकर रेलवे को उपलब्ध कराया जाना जरूरी है। रेलवे ने जमीन जल्द खाली कराने के लिए न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की।
वहीं कब्जेदारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद, प्रशांत भूषण सहित अन्य अधिवक्ता पेश हुए। उन्होंने दो प्रमुख तर्क रखते हुए कहा कि—
1️⃣ जिस भूमि की मांग रेलवे कर रहा है, वह पूर्व लिखित दावे में शामिल नहीं थी।
2️⃣ रिटेनिंग वॉल के निर्माण के बाद रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को अब कोई खतरा नहीं है।
इसके साथ ही कब्जेदारों के अधिवक्ताओं ने बनभूलपुरा के निवासियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्थानांतरित करने के प्रस्ताव का विरोध किया और इसे अनुचित बताया। इस पर रेलवे के अधिवक्ताओं ने कड़ा विरोध दर्ज कराया।
सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि आदेश में लिखकर जारी किए जाने की बात कही। अभी तक तिथि स्पष्ट नहीं है, लेकिन उपलब्ध जानकारी के अनुसार करीब दो महीने बाद सुनवाई संभावित है।







