उत्तराखण्डकुमाऊं,

नैनीताल- यहाँ सड़क नहीं बनने के कारण पांच किमी डोली और सौ किमी गाड़ी से सफर करने के बाद मिला इलाज, लोगों में नाराजगी

सरकार पहाड़ों पर सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के कितने भी दावे कर ले, लेकिन धरातल पर गांवों में रह रहे लोगों के नसीब में सिर्फ इंतजार ही आ रहा है। कई बार समय पर इलाज नहीं मिलने पर पहाड़ों के दूरस्थ गांवों में मरीज दम तोड़ देता है और कहीं पर कई किमी डोली से यात्रा के बाद अस्पताल में इलाज नसीब होता है।

 

ऐसा ही एक मामला सोमवार को धारी ब्लॉक की ग्राम पंचायत बबियाड़ के बिरसिंग्या गांव में सामने आया, जहां सड़क नहीं बनने के कारण गांव की मधुली देवी (65) बीमार होने पर पांच किमी तक डोली में ढोकर सड़क तक लाया गया, इसके बाद सौ किमी गाड़ी से सफर तय कर हल्द्वानी एसटीएच पहुंचाया गया।

यह भी पढ़ें 👉  नैनीताल- थर्टी फर्स्ट और नव वर्ष के जश्न में नैनीताल पुलिस का नशे पर वार, नशे की तस्करी करने वाले 09 तस्करों को 08 अलग अलग मामलों में किया गिरफ्तार

 

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरकार, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की ओर से सड़क बनाने के कोरे आश्वासन दिए जा रहे हैं। पूर्व में तत्कालीन डीएम सविन बंसल ने बिरसिंग्या गांव में पहुंचकर जनता दरबार लगाकर सड़क बनाने का आश्वासन दिया था। ग्रामीणों ने कहा कि डीएम का तो तबादला हो गया, लेकिन गांव के लिए सड़क नहीं बन पाई। कहा कि कुमाऊं कमिश्नर और डीएम भी सड़क निर्माण की समस्या हल नहीं कर पा रहे हैं।

यह भी पढ़ें 👉 

 

गांव के विद्यासागर, अनिल कुमार, दयाल, सुभाष चंद्र, शिवराज, खीमानंद, देवेश, ललित टम्टा और प्रकाश चंद्र ने सरकार और शासन-प्रशासन से सड़क का निर्माण कराने की मांग की है। इधर, लोनिवि के अधिशासी अभियंता दीपक कुमार ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए वन विभाग की ओर से भूमि हस्तांतरित करने के लिए सैद्धांतिक अनुमति मिल गई है। विधिवत स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। केंद्र से स्वीकृति मिलते ही सड़क का निर्माण करा दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड- कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी एक्शन मूड में, धीमी गति से चल रहे माल रोड के निर्माण कार्य पर जताई नाराजगी, अधिकारियों को दिए दिन-रात कार्य करने के निर्देश, पढ़ें पूरी खबर...