गुरुद्वारा पांवटा साहिब पहुंचे हरक सिंह रावत, गुरु ग्रंथ साहिब से मांगी माफी — सिख परंपरा के प्रति जताई श्रद्धा, लंगर सेवा भी की

कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने रविवार को हिमाचल प्रदेश स्थित गुरुद्वारा पांवटा साहिब पहुंचकर सिख परंपरा के प्रति गहरी आस्था व्यक्त की और अपनी हालिया टिप्पणी को लेकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष माफी मांगी। उन्होंने गुरुद्वारे में अरदास की और सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना की।
गुरुद्वारे में पहुंचकर हरक सिंह रावत ने पश्चाताप स्वरूप लंगर रसोई में सेवा की तथा जोड़ा घर में भी योगदान दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सिख परंपराएँ उन्हें सदैव प्रेरित करती रही हैं और उनका उद्देश्य कभी भी किसी समाज, विशेषकर सिख समुदाय का अनादर करना नहीं था।
गौरतलब है कि तीन दिन पहले देहरादून में अधिवक्ताओं के धरना-प्रदर्शन में पहुंचे हरक सिंह रावत ने भाषण के दौरान एक सिख अधिवक्ता के प्रति अशोभनीय टिप्पणी कर दी थी। हालांकि उन्हें अपनी गलती का तुरंत एहसास हुआ और उन्होंने उसी समय संबंधित अधिवक्ता से क्षमा मांगी। इसके बाद वे स्वयं बार एसोसिएशन पहुंचे और सभी अधिवक्ताओं के बीच अपनी बात रखी।
रावत ने कहा कि सिख समाज ने हमेशा उत्तराखंड और देश के लिए संकट के समय अग्रणी भूमिका निभाई है। “यदि मेरे शब्दों से किसी भी व्यक्ति या समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं दिल से क्षमा चाहता हूँ,” उन्होंने कहा।
हालांकि देहरादून में मामला शांत हो गया था, लेकिन यह मुद्दा तेजी से पंजाब तक गूंज गया। पंजाब में आप नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व से हरक सिंह रावत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। बढ़ते दबाव को देखते हुए रावत ने रविवार को पांवटा साहिब जाकर गुरु घर में नतमस्तक होकर अपनी गलती स्वीकार की और क्षमा मांगी।
गुरुद्वारे में हुई यह घटना स्थानीय लोगों और संगत के बीच चर्चा का विषय बनी रही।






