उत्तराखंड हाईकोर्ट सख्त: सरकारी अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था पर एक सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट पेश करने के आदेश

देहरादून न्यूज़– उत्तराखंड में सरकारी अस्पतालों की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर विस्तृत प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई।
सुनवाई के दौरान डायरेक्टर जनरल हेल्थ ने अदालत को अवगत कराया कि कोर्ट के पूर्व आदेशों का पालन करते हुए सैनिटोरियम अस्पताल को मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में अपग्रेड करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके लिए डीपीआर तैयार कर ली गई है और वित्तीय प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।
मामले के अनुसार, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश के कई सरकारी अस्पतालों में मरीजों को न तो मूलभूत सुविधाएं मिल रही हैं और न ही बेहतर इलाज की व्यवस्था है। याचिका में बताया गया कि—
अस्पतालों में स्टाफ की भारी कमी है
कई महत्वपूर्ण मशीनें लंबे समय से खराब पड़ी हैं
इंडियन हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों का पालन नहीं हो रहा
गंभीर मरीजों को मजबूरी में हायर सेंटर रेफर करना पड़ता है
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि सरकारी अस्पतालों को मजबूत किया जाए, ताकि दूरदराज से आने वाले मरीजों को उपचार के लिए परेशान न होना पड़े।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में किए जा रहे सभी कार्यों की प्रगति रिपोर्ट एक सप्ताह में पेश की जाए। अदालत की अगली सुनवाई पर सरकार की कार्रवाई का परीक्षण किया जाएगा।







