उत्तराखण्डकुमाऊं,गढ़वाल,

उत्तराखंड- अनिवार्य तबादले की जद में आए कुछ शिक्षक जाने को तैयार नहीं, सैलेरी रोकने के निर्देश

रुड़की न्यूज़- अनिवार्य तबादला नीति के तहत जुलाई में हुए तबादलों में से अधिकांश शिक्षक ज्वाइन नहीं कर रहे हैं। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने ऐसे शिक्षकों के संबंध में सभी उप शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।

ऐसे शिक्षकों का अब वेतन रोकने के निर्देश दिए गए हैं।

 

अनिवार्य तबादला नीति के तहत लंबे समय से सुगम विद्यालयों में जमे शिक्षकों के दुर्गम विद्यालयों में तबादले किए गए थे। अधिकांश शिक्षकों ने तबादले को लेकर प्रत्यावेदन दिया था। अधिकांश शिक्षकों ने विद्यालय की अधिक दूरी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं होना, माता-पिता या सास सुसर, पति एवं पत्नी के बीमार होने आदि का बहाना किया था।

यह भी पढ़ें 👉  यहां डीएम का औचक स्थलीय निरीक्षण, इन कार्यालयों में नदारद मिले कर्मचारी, मंगा स्पष्टीकरण

 

शिक्षा विभाग की ओर से प्रत्येक प्रत्यावेदन पर विचार करते हुए केवल एक शिक्षक के तबादले को ही संशोधित किया था। सभी को सितंबर के अंत में निर्देश जारी किए गए थे कि वह अपने तैनाती स्थल पर जाकर योगदान दें। लेकिन, अक्टूबर बीत जाने के बावजूद कई शिक्षकों ने अभी तक भी ज्वाइन नहीं किया है।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून- संगीतज्ञ लेखक डॉ पंकज उप्रेती को मिला यह सम्मान

 

इस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने सभी उप शिक्षा अधिकारियों से ऐसे शिक्षकों की सूची तलब की है। साथ ही, उनका वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। सभी से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। मुख्य शिक्षा अधिकारी के निर्देश के बाद से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड- यहाँ वन विभाग टीम ने हाईवे किनारे बनी अवैध मजार को किया ध्वस्त, वन क्षेत्र में बनी थी मजार।