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देहरादून- गहरी नींद में सो रही माँ को हमेशा मौत की नींद सुला दिया बेटे ने, हवालात में बेटे का कबूलनामा सुन टूट गए बुरी तरह पिता

देहरादून न्यूज़- यहाँ मां की हत्या करने के बाद आदित्य इधर-उधर की बातें करने में लगा था। आदित्य का कहना था कि मां उसे बात-बात पर टोकती थी तो उसने उन्हें मार डाला। मां सो रही थी…मुझे नहीं पता कि कहां से हथियार आया और मैं डिप्रेशन में था। बेटे की यह बात सुनकर पिता भी हैरान थे। उनका कहना कि आदित्य अपनी मां से बदसलूकी तो करता था, लेकिन ये यकीन नहीं था कि वह इस तरह उनकी हत्या कर देगा।

दरअसल, मलखान सिंह का परिवार आदित्य को लेकर ही काफी परेशान था। उनके दो बेटे हैं। छोटा बेटा इस वक्त सिविल सर्विस की तैयारियां कर रहा है। उसने कई बार पीसीएस का इंटरव्यू भी दिया है। इसी तरह आदित्य भी कभी पढ़ने लिखने में ठीक-ठाक ही था। 10 साल पहले इंटरमीडिएट के बाद पिता मलखान सिंह ने उसका दाखिला मुरादाबाद के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दिलाया था।

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लेकिन, उसने यह पढ़ाई भी पूरी नहीं की। पहले ही साल में वह एमबीबीएस छोड़कर देहरादून आ गया। यहां कुछ समय पहले उसके जीवन यापन के लिए परिवार ने उसे प्रोविजन स्टोर भी खुलवाकर दिया। यह स्टोर भी उसने चंद दिनों में बंद कर दिया। वर्तमान में वह घर में ही रहता था। उसके कारण आसपास के लोग भी परिवार से ज्यादा ताल्लुक नहीं रखते थे।

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इन्हीं सब बातों को लेकर आदित्य की मां उसे टोकती थी। लेकिन, वह गुस्सा हो जाता था। उसने कई बार पहले भी मां के साथ बदसलूकी और मारपीट की। आदित्य ने पकड़े जाने के बाद ज्यादा कुछ तो पुलिस को नहीं बताया मगर जिस तरह उसकी मां बिस्तर पर लेटी हुई थीं।

उससे यही बात सामने आ रही है कि आदित्य ने उनके सिर व चेहरे पर सोते हुए ही वार किए। उसने ताबड़तोड़ इतने वार किए कि वह वहां से जरा हिल तक नहीं पाईं। पुलिस के अनुसार अभी हत्या की असल वजह का पता नहीं चला है। आदित्य से विस्तृत पूछताछ की जा रही है।

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परिवार ने आदित्य की हरकतों से परेशान होकर उसे मकान के ऊपरी हिस्से में कमरा दिया था। लेकिन, वह अपनी हरकतों से तब भी बाज नहीं आया। कुछ समय पहले मां बबीता के कहने पर ही उसे नीचे का कमरा दिया गया। अब वह मां के बगल वाले कमरे में ही रहता था।

मलखान सिंह राज्य गठन के वक्त देहरादून आ गए थे। यहां वह सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर रहते कई पदों पर रहे हैं। वह करीब 20 साल पहले तत्कालीन एसपी सिटी के स्टेनो भी रहे। इसके बाद 2007 में मलखान सिंह अपने मलू तैनाती राज्य उत्तर प्रदेश चले गए।