लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे उत्तराखंड में हुए एक्टिव, कारोबारी से मांगी थी फिरौती, पुलिस ने पूर्व छात्रनेता सहित दो गिरफ्तार
- हल्द्वानी के आभूषण कारोबारी को धमकी देकर मांगी गई थी रकम, मोहाली तक पहुंची पुलिस
- पंजाब के डेराबस्सी निवासी मुख्य आरोपित हथियारों संग हाल में वहां की पुलिस ने पकड़ा था
हल्द्वानी न्यूज़- शहर के आभूषण कारोबारी को फोन पर जाने से मारने की धमकी देकर फिरौती मांगने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। मुख्य आरोपित को हथियारों संग पंजाब पुलिस ने हाल में गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान कड़ियां जोड़ते-जोड़ते हल्द्वानी पुलिस भी मोहाली पहुंच गई थी।
इसके बाद पता चला कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य ने ही फोन कर फिरौती के लिए धमकाया था। जबकि उसके दो साथी कारोबारी से पैसे लेने के लिए हल्द्वानी को रवाना हुए थे। जिन्हें पुलिस ने रुद्रपुर-हल्द्वानी मार्ग पर टांडा जंगल में गिरफ्तार कर लिया। पकड़े युवकों में एक दिल्ली तो दूसरा हल्द्वानी निवासी पूर्व छात्रनेता है। हल्द्वानी बाजार स्थित पटेल चौक के पास आभूषण का कारोबार करने वाले अंकुर अग्रवाल ने 27 जून को कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
बताया कि वाट्सएप नंबर पर मैसेज भेज एक व्यक्ति ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताते हुए एक लाख रुपये की फिरौती मांगी। उसने अपना नाम अंकित सिरसा बताया। जबकि इस नाम का व्यक्ति पंजाबी गायब सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में जेल में बंद है। वहीं, बड़े गैंगस्टर का नाम आने पर हल्द्वानी पुलिस भी सक्रिय हो गई। मामले की विवेचना टीपीनगर चौकी इंचार्ज दीपक बिष्ट को सौंपी गई।
मंगलवार को पुलिस बहुउद्देशीय भवन में प्रेसवार्ता के दौरान एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने बताया कि जांच से पता चला जिस नंबर से धमकी दी गई थी वह कभी दिल्ली तो कभी पंजाब में चल रहा है। नंबर पंजाब निवासी महिला के नाम पर है। दूसरी तरफ वाट्सएप से सूचना मांगने पर नई बात सामने आई कि पंजाब के मोहाली जिले के डेराबस्सी निवासी सोनू कुमार इस नंबर से वाट्सएप चलाता है। जिसके बाद चौकी इंचार्ज दीपक बिष्ट डेराबस्सी पहुंच गए।
सोनू के घर दबिश देने पर पता चला कि 12 जुलाई को स्थानीय पुलिस ने उसे तीन अवैध पिस्टल संग गिरफ्तार कर लिया। फिर पुलिस हिरासत में ही उससे हल्द्वानी के प्रकरण में घंटों पूछताछ की गई।
मुख्य आरोपित ने बताया कि रामा पार्क उत्तम नगर दिल्ली निवासी देवेंद्र जाटव ने उसे हल्द्वानी के कारोबारी का नंबर दिया था। जबकि देवेंद्र को वार्ड नंबर दस तल्ला गोरखपुर हल्द्वानी निवासी नागेंद्र सिंह चौहान ने सारी जानकारी उपलब्ध करवाई थी। सोनू से पुलिस को जानकारी मिली कि देवेंद्र व नागेंद्र कारोबारी से पैसे लेने के लिए हल्द्वानी को रवाना हुए है। जिसके बाद सोमवार रात पुलिस ने दोनों को ही टांडा जंगल से गिरफ्तार कर लिया।
नागेंद्र मुखानी क्षेत्र में साइबर कैफे चलाने के साथ आनलाइन टिकट बुकिंग का काम भी करता था। पुलिस के अनुसार कर्ज होने की वजह से वह काफी परेशान था। इसके बाद फेसबुक में लारेंस बिश्नोई नाम के पेज से जुड़ गया। यहां उसका पहले देवेंद्र से संपर्क हुआ।
इसके बाद सोनू सें देवेंद्र मास्टरमाइंड सोनू के कहने पर ही काम करता है। वहीं, आभूषण कारोबारी की रैकी कर नागेंद्र ने ही उसकी सारी जानकारी गैंग को दी थी। नागेंद्र पूर्व में एमबीपीजी कालेज में छात्र नेता रह चुका है।
एसएसआइ महेंद्र प्रसाद, एसओजी इंचार्ज संजीत राठौड़, हेड कांस्टेबल ललित श्रीवास्तव, सिपाही राजेश बिष्ट, अरविंद, नरेंद्र धामी, अनिल टम्टा, धीरेंद्र अधिकारी।