

नई दिल्ली– देशभर में खपत को बढ़ावा देने और अमेरिकी टैरिफ से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में अब तक की सबसे बड़ी कर कटौती का प्रस्ताव रखा है। दो दिनों तक चलने वाली यह बैठक 4 सितंबर को खत्म होगी और उसके बाद अहम फैसलों का एलान होगा।
बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हुए हैं। इस बार का एजेंडा बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि परिषद जीएसटी के मौजूदा ढांचे में बड़े बदलावों पर विचार कर रही है।
400 से अधिक वस्तुओं पर कटौती की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, परिषद का कर पैनल हेयर ऑयल से लेकर छोटी कारों तक 400 से अधिक वस्तुओं पर जीएसटी घटाने की तैयारी में है। इसमें एफएमसीजी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की कंपनियों को बड़ी राहत मिल सकती है। हिंदुस्तान यूनिलीवर, गोदरेज इंडस्ट्रीज और सैमसंग जैसी कंपनियों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं, ऑटो कंपनियों मारुति, टोयोटा और सुजुकी को भी बड़ा फायदा हो सकता है।
टूथपेस्ट, शैम्पू, कारें और इलेक्ट्रॉनिक्स होंगे सस्ते?
बैठक में प्रस्ताव है कि
टूथपेस्ट और शैम्पू पर कर 18% से घटाकर 5% किया जाए।
छोटी कारें, टीवी, एसी और फ्रिज पर कर 28% से घटाकर 18% किया जाए।
बीमा प्रीमियम (लाइफ और हेल्थ) पर जीएसटी शून्य किया जा सकता है।
वहीं, 20 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले महंगे इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैक्स बढ़ाने की भी चर्चा है।
2,500 रुपये से ऊपर के कपड़ों और प्रीमियम हवाई यात्रा पर जीएसटी बढ़ाकर 18% करने पर विचार हो सकता है।
अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इन बदलावों से लगभग 21 बिलियन डॉलर के जीएसटी राजस्व का नुकसान हो सकता है। इसमें सबसे अधिक असर राज्यों पर पड़ेगा, जिसके लिए विपक्षी राज्यों ने मुआवजे की मांग की है।
दो स्लैब पर आ सकती है व्यवस्था
जानकारों के अनुसार, मौजूदा 4 स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) की बजाय सिर्फ दो स्लैब – 5% और 18% पर विचार हो रहा है। वहीं, 40% का एक अतिरिक्त स्लैब लग्जरी प्रोडक्ट्स जैसे सिगरेट और महंगी कारों के लिए रखा जा सकता है।
किन क्षेत्रों को होगा सबसे ज्यादा फायदा?
केंद्र की रूपरेखा के अनुसार, जीएसटी सुधार मुख्य रूप से कपड़ा, उर्वरक, नवीकरणीय ऊर्जा, मोटर वाहन, हस्तशिल्प, कृषि, स्वास्थ्य और बीमा जैसे आठ क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे।
राज्यों की राय
विपक्ष शासित 8 राज्यों (केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब, झारखंड, हिमाचल, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल) ने राजस्व हानि पर मुआवजा देने की मांग की है।
वहीं, आंध्र प्रदेश की टीडीपी ने केंद्र के प्रस्तावों को समर्थन दिया है।
उपभोक्ताओं को कब मिलेगा फायदा?
ब्रिटानिया के एमडी वरुण बेरी के अनुसार, जीएसटी घटने का फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचने में लगभग डेढ़ महीने का समय लगेगा। हालांकि, खपत बढ़ने से अर्थव्यवस्था में मजबूती आने की संभावना है।
किन चीजों के दाम घट सकते हैं – एक नजर
डेयरी उत्पाद: मक्खन, पनीर, छाछ
रेडी टू ईट फूड्स: जैम, अचार, स्नैक्स
पर्सनल केयर: टूथपेस्ट, शैम्पू, साबुन
इलेक्ट्रॉनिक्स: एसी, टीवी, वॉशिंग मशीन
वाहन: छोटी कारें, हाइब्रिड गाड़ियां, बाइक
बीमा: हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस

