उत्तराखण्डगढ़वाल,

देहरादून में बड़ा फर्जीवाड़ा: 9428 आयुष्मान और 3323 राशन कार्ड निरस्त, दो थानों में मुकदमा दर्ज

देहरादून न्यूज़– उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। जिला प्रशासन की जांच में 9428 फर्जी तरीके से बनाए गए आयुष्मान भारत योजना के कार्ड और 3323 राशन कार्डों को निरस्त कर दिया गया है। इस मामले में नगर कोतवाली और राजपुर थाने में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

 

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस गंभीर मामले पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तत्काल सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल के आदेश पर पहले से अपात्र राशन कार्डों और आयुष्मान कार्डों की शिकायतों की जांच की जा रही थी, जिसके बाद यह खुलासा हुआ।

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जांच में सामने आया कि जिले में 136676 निष्क्रिय राशन कार्ड हैं, जिनमें से कई का इस्तेमाल कर फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाए गए। डीएम ने बताया कि इन संदिग्ध कार्डों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाए गए राशन कार्ड धारकों के खिलाफ भी विधिक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।

 

 

फर्जीवाड़े की गहराई में गिरोह की भूमिका का शक

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) ने इस बात की आशंका जताई है कि देहरादून जिले में फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाने वाला कोई संगठित गिरोह सक्रिय हो सकता है। प्राधिकरण ने इसकी जानकारी एसएसपी अजय सिंह को दी है।

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राशन कार्ड बना ‘ट्रंप कार्ड’

गौरतलब है कि आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए पात्र व्यक्ति के पास वैध राशन कार्ड का होना आवश्यक है। देहरादून जिले में अब तक लगभग 12 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। जांच में पता चला कि कई ऐसे राशन कार्ड केवल आयुष्मान कार्ड बनवाने की मंशा से बनाए गए थे।

 

 

राशन कार्ड पात्रता नियम भी तोड़े गए

जांच में यह भी सामने आया कि राशन कार्ड की पात्रता को दरकिनार कर कई लोगों ने फर्जी तरीके से कार्ड बनवा लिए। अंत्योदय योजना के लिए परिवार की वार्षिक आय 15 हजार रुपये, राष्ट्रीय खाद्य योजना के लिए 1.80 लाख और राज्य खाद्य योजना के लिए अधिकतम 5 लाख रुपये निर्धारित है। इन शर्तों के बावजूद अपात्र लोगों को कार्ड जारी कर दिए गए।

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देहरादून में कुल राशन कार्डों की संख्या 3.87 लाख

देहरादून जिले में कुल 3,87,954 राशन कार्ड बने हैं, जिनमें से सिर्फ 75,576 राशन कार्डों का सत्यापन हो चुका है। अब तक 3323 कार्डों को निरस्त किया जा चुका है, जबकि बाकी कार्डों का सत्यापन जारी है।

 

 

निष्कर्ष:
देहरादून में फर्जीवाड़े के इस मामले ने सरकारी योजनाओं में हो रही गड़बड़ियों की पोल खोल दी है। अब देखना यह है कि प्रशासन और पुलिस की जांच से इस फर्जीवाड़े के पीछे छिपे चेहरों को कितनी जल्दी बेनकाब किया जाता है।