Uncategorizedअंतरराष्ट्रीयराष्ट्रीय

Bank Rule- बैंक में कैश जमा पर 89% टैक्स का नया प्रावधान लागू. Savings और Current दोनों के लिए नए लिमिट तय

बैंक में कैश जमा पर 89% टैक्स का नया प्रावधान लागू. Savings और Current दोनों के लिए नए लिमिट तयआधुनिक दौर में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के साथ-साथ सरकार नकद लेन-देन पर सख्ती कर रही है।

हाल ही में आयकर विभाग ने नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत बैंक में नकद जमा करते समय आपको धन का स्रोत स्पष्ट करना जरूरी हो गया है। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो आपको 60% टैक्स के साथ सरचार्ज और सेस भी देना पड़ सकता है।

यह भी पढ़ें 👉  एसएसपी प्रहलाद सिंह मीणा ने किए 21 उपनिरीक्षकों के ट्रांसफर, जाने किसे कहां मिली तैनाती

 

क्यों लागू हुआ यह नियम?

आयकर विभाग के मुताबिक, बिना स्रोत बताई गई बड़ी नकदी को मनी लॉन्ड्रिंग या अवैध वित्तीय गतिविधियों के अंतर्गत माना जा सकता है।
इससे बचने के लिए यह नियम लागू किया गया है, ताकि:

  1. काले धन पर रोक लगाई जा सके।
  2. वित्तीय लेन-देन अधिक पारदर्शी हो।

 

कैसे लगता है टैक्स?

यदि नकद राशि का स्रोत नहीं बताया गया, तो आयकर विभाग निम्नलिखित टैक्स और शुल्क लगा सकता है:

  • 60% टैक्स
  • 25% सरचार्ज
  • 4% सेस
    इस तरह आपकी कुल देयता 89% तक पहुंच सकती है।
यह भी पढ़ें 👉  विधायक सुमित हृदयेश जोशीमठ के दो दिवसीय दौरे पर रवाना, हर विषम परिस्थितियों में हम जोशीमठवासियो के साथ- सुमित हृदयेश

 

कितनी राशि पर स्रोत बताना जरूरी है?

  1. बचत खाता (Savings Account):
    • ₹10 लाख या उससे अधिक नकद जमा करने पर स्रोत बताना अनिवार्य है।
  2. चालू खाता (Current Account):
    • व्यापारियों और व्यवसायिक खातों में ₹50 लाख या उससे अधिक नकद जमा करने पर स्रोत स्पष्ट करना होगा।

 

सावधानियां और सुझाव:

  • स्रोत का प्रमाण रखें: नकद जमा करने से पहले धन का स्रोत स्पष्ट करने वाले दस्तावेज तैयार रखें।
  • डिजिटल लेन-देन को प्राथमिकता दें: नकद लेन-देन की तुलना में डिजिटल माध्यम से लेन-देन करना अधिक सुरक्षित और सरल है।
  • टैक्स नियमों का पालन करें: सभी आय और नकदी का हिसाब-किताब रखें।
यह भी पढ़ें 👉  IPL 2025- भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच बीसीसीआई का बड़ा फैसला, आईपीएल 2025 का सत्र एक हफ्ते के लिए स्थगित

 

नियमों का उल्लंघन करने पर परिणाम:

  • आयकर विभाग से नोटिस प्राप्त हो सकता है।
  • जमा की गई राशि का बड़ा हिस्सा टैक्स और पेनल्टी में कट सकता है।
  • कानूनी कार्यवाही भी हो सकती है।