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भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर, शाम 5 बजे से लागू हुआ युद्ध विराम- विदेश मंत्रालय का बड़ा ऐलान

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों पर हमला बोला था और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद पिछले 72 घंटे से पाकिस्तान लगातार उकसावे की कार्रवाई करते हुए ड्रोन और मिसाइल से भारत पर हमला कर रहा था।

भारत के पश्चिमी क्षेत्र में नागरिक क्षेत्रों और सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर किए गए पाकिस्तान के अंधाधुंध ड्रोन और मिसाइल हमलों का जवाब देने के लिए भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने शनिवार सुबह-सुबह रफीकी, मुरीद और चकलाला स्थित पाकिस्तानी वायुसेना के ठिकानों को निशाना बनाया।

 

 

भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान पूरी तरह से घबरा गया था और उसने अमेरिका की शरण ली और अंततः अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की और पाकिस्तान सीजफायर के लिए राजी हुआ। इस बाबत ट्रंप की ओर से एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है कि दोनों ही देश पाकिस्तान और भारत सीजफायर के लिए राजी हैं। बाद में पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने भी घोषणा की कि वह सीजफायर के लिए तैयार है।

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भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने का मामला सीधे तौर पर दोनों देशों के बीच सुलझाया गया। पाक डीजीएमओ ने आज दोपहर कॉल की पहल की जिसके बाद चर्चा हुई और सहमति बनी। किसी अन्य स्थान पर किसी अन्य मुद्दे पर बातचीत करने का कोई निर्णय नहीं हुआ है।

 

 

भारत ने पाकिस्तान को दिया था करारा जवाब

इससे पहले एक सरकारी ब्रीफिंग में विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि भारत के सटीक हमलों में केवल सैन्य ठिकानों को ही निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा, “हमारे लड़ाकू विमानों से हवा में दागे जाने वाले सटीक हथियारों का इस्तेमाल करके रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर और चुनियन में पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया।

 

 

पसरूर और सियालकोट विमानन बेस पर रडार स्थलों को भी सटीक हथियारों का इस्तेमाल करके निशाना बनाया गया। इन जवाबी कार्रवाइयों को अंजाम देते समय भारत ने यह सुनिश्चित किया कि कम से कम नुकसान हो।”

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भारत ने लक्ष्य का चयन सावधानी से किया। इसका उद्देश्य ड्रोन और लड़ाकू विमानों का उपयोग करके हवाई हमले करने की पाकिस्तान की क्षमता को कमजोर करना था। इन प्रमुख वायुसेना केंद्रों पर हमले से संभवतः पाकिस्तान की हवाई टोही और लंबी दूरी की हमला क्षमताओं पर असर पड़ा है।

 

 

प्रमुख एयरबेसों पर भारत का सटीक वार

● मुरीद चकवाल एयरबेस (पंजाब): इस्लामाबाद से 120 किमी दूर स्थित यह एयरबेस पाकिस्तान के ड्रोन अभियानों का मुख्य केंद्र रहा है। यहीं से भारत पर हालिया ड्रोन हमले संचालित किए गए थे। भारत की कार्रवाई को इसी आक्रामकता का जवाब माना जा रहा है।

 

● रफीकी एयरबेस, शोरकोट (पंजाब): JF-17 थंडर और मिराज जेट्स से लैस यह एयरबेस पाकिस्तान के सेंट्रल एयर कमांड के तहत आता है और इसकी गिनती वायुसेना के सबसे आक्रामक ठिकानों में होती है।

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● चुनियां एयरबेस (कसूर, पंजाब): लाहौर से 70 किमी दूर स्थित यह बेस पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे एक ऑपरेशनल हब के रूप में उपयोग किया जाता है।

 

● रहीम यार खान एयरबेस (दक्षिण पंजाब): भारत के मिसाइल हमले के बाद यहां एक बड़ा गड्ढा देखा गया। यह एयरबेस पाकिस्तान की दक्षिण-पूर्वी रणनीतिक क्षमताओं के लिए अहम माना जाता है।

 

● पीएएफ भोलारी, सुक्कुर (सिंध): यह नया लेकिन अत्यधिक सक्रिय एयरबेस कराची और हैदराबाद के बीच स्थित है। यहां से F-16A/B विमान ऑपरेट किए जाते हैं और यह साउदर्न एयर कमांड का हिस्सा है।

 

● नूर खान एयरबेस, रावलपिंडी: इस्लामाबाद के पास स्थित यह VIP मूवमेंट और स्पेशल मिशन का केंद्र है. यहां से उच्चस्तरीय सैन्य अभियान और लॉजिस्टिक्स नियंत्रित किए जाते हैं। इसे पाकिस्तान वायुसेना की “लाइफलाइन” कहा जाता है।