हल्द्वानी- हाथी कारीडोर को तलाशते तलाशते गजराज आए मुख्य मार्ग पर, हाथी बन रहे राहगीरों का रोड़ा, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, देखे वीडियो।
हल्द्वानी न्यूज़- यहाँ हाथी कॉरिडोर को तलाशते तलाशते आखिर गजराज मुख्य मार्ग तक आ जा रहे हैं लेकिन बढ़ती मानव गतिविधियां और हाथियों को उकसाने वाली कार्यवाही कभी-भी मानव जीवन के लिए बड़ा अभिशाप बन सकती है। हल्द्वानी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग में निरंतर बड़ती जा रही वाहनों की आवाजाही के चलते हाथियों के स्वछंद विचरण में हो रही बाधा से कहीं गजराज हिंसक न हो जाए। इससे पहले वन विभाग को बड़ा कदम उठाना पड़ेगा।
सड़क पार करने के लिए निकले टस्कर को सोमवार के दिन राहगीरों ने वापस जंगल को जाने पर मजबूर कर दिया। यदि टस्कर अपनी पर आ जाता तो कोई बड़ी घटना से इनकार भी नहीं किया जा सकता था। हद तो तब हो गई जब तराई केंद्रीय वन प्रभाग के टांडा रेंज रेलवे क्रॉसिंग से बेल बाबा मंदिर के बीच टस्कर हाथी को लोगों ने जंगल तक खदेड़ने का भी दुस्साहस कर दिया। सड़क पार करने में बाधक बन रहे तमाशबीन राहगीरों की जान पर कभी भी वह भारी पड़ सकता है ऐसे तत्वों को पहचान कर वन विभाग को उन लोगों पर कार्यवाही करनी चाहिए।
तराई केंद्रीय वन प्रभाग के टांडा रेंज में हल्द्वानी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग में निरंतर बढ रही वाहनों की आवाजाही के चलते जंगलों में विचरण करने वाले गजराजो को तमाम मुसीबतों से दो चार होना पड़ रहा है। हाथियों के झुंड को एक जंगल से दूसरे जंगल तक जाने में बाधक बन रहे राहगीरों द्वारा किया जा रहे व्यवहार से जहां गजराज गुस्से में हैं तो वहीं वन महकमे के आलाधिकारी इस संवेदनशील मामले को लेकर बिल्कुल भी संजीदा नहीं दिखाई दे रहे हैं, लगातार राजमार्ग पार करने के दौरान तमासबीन राहगीरों की हरकतों से वन्यजीवों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
विशेषकर हाथियों के व्यवहार में परिवर्तन आ रहा है और वे हिंसक हो रहे हैं। परिणाम स्वरूप जान-माल की क्षति की घटनाएं आये दिन हो रही हैं । उत्तराखंड के जंगलों में विचरने वाले हाथी राह में आ रही बाधाओं के चलते अब नए नए रास्ते ढूंढ रहे हैं। तराई केंद्रीय वन प्रभाग में हल्द्वानी से दिल्ली को जाने वाले राजमार्ग में पड़ने वाला टांडा रेंज का जंगल एलिफेंट कॉरिडोर का हिस्सा है, यहां से हाथियों के झुंड आते जाते रहते हैं।
वर्तमान में उक्त मार्ग में निरंतर बढ़ते जा रहे ट्रेफिक की वजह से उक्त कॉरिडर में हाथियों का विचरण प्रभावित हो रहा है जिसके चलते हाथियों के स्वभाव में परिवर्तन भी हो रहा है और वह अपने मार्ग में आ रही बाधाओं को लेकर हिंसक भी होते दिख रहे है। वन विभाग द्वारा इस संवेदनशील मामले में बरती जा रही उदासीनता के चलते निसंदेह मानव-वन्यजीव संघर्ष की संभावनाएं बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता है ।