हल्द्वानी- यहाँ हल्द्वानी रेलवे स्टेशन को बचाने के लिए गौला नदी में बनेगी 100 मीटर की सुरक्षा दीवार।
हल्द्वानी न्यूज़- यहाँ रेलवे ने हल्द्वानी स्टेशन को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। गौला नदी के कटाव से बचाने के लिए 100 मीटर वायरक्रेट दीवार बनाने की योजना है। पर पहाड़ों में भारी बारिश के चलते गौला नदी का बहाव अधिक होने के कारण काम करने में अड़चन आ रही है। इसके मद्देनजर नदी की धारा को मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इन सुरक्षा कार्यों का जायजा लेने खुद डीआरएम पहुंचीं और दिशा-निर्देश दिए।
हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास गौला नदी भू-कटाव कर रही है। इस नुकसान को रोकने की कोशिश की जा रही है। पर अभी तक सफलता नहीं मिली है। बहाव स्टेशन की तरफ काफी तेज है, ऐसे में तेजी से काम करने का मौका नहीं मिल पा रहा है। रेलवे की योजना है कि किसी तरह बहाव का प्रभाव कम हो और तत्काल सबसे संवेदनशील जगह पर 100 मीटर की वायरक्रेट लगा दी जाए। जिससे बाद में नदी का तेज बहाव होगा तो भी बोल्डर की दीवार होने के कारण कटाव से बचाव हो सकेगा। ऐसे में रेलवे ने नदी के दूसरे छोर की तरफ से भी नदी के बहाव को डायवर्ट करने की कोशिश में जुटा है।
वही विभाग की योजना है कि नदी में क्यूनेट बनाकर बहाव को टुकड़ों में बांटकर निकाला जाए, जिससे स्टेशन की तरफ बहाव कम हो सके। इसके लिए कई जेसीबी और पोकलैंड लगाई गई हैं। डीआरएम रेखा यादव समेत अन्य उच्चाधिकारी भी मौके पर पहुंचे और कार्यों का निरीक्षण किया है। वही रेलवे अधिकारियों के अनुसार एक सप्ताह का समय मिल जाएगा तो वायरक्रेट की दीवार तैयार कर दी जाएगी, इसके लिए सभी तैयारी है।
रेलवे ने भू-कटाव को रोकने के लिए यहां सोमवार को पत्थर डालने का काम किया। श्रमिकों को लगाकर लगातार पत्थर डाले जा रहे थे। भू-कटाव बढ़ता जा रहा है। यहां वायरक्रेट भी लगाने के लिए रखा गया है। रेलवे के अनुसार गौला नदी में पत्थर डालने के लिए 100 से ज्यादा श्रमिकों को लगाया गया है। सबसे बड़ी दिक्कत गौला के बहाव से है। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार गौला का बहाव लगातार बढ़ता जा रहा है। जिस वजह से बचाव काम करने में दिक्कत आ रही है।
वही सिंचाई विभाग भी रेलवे पटरियों को बचाने के लिए रेलवे को सहयोग देने पर सहमत हो गया है। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता संजय शुक्ला ने बताया कि इन दिनों रेलवे की जेसीबी और पोकलैंड गौला में काम कर रहीं हैं। नदी का बहाव कभी भी बढ़ जा रहा है। बहाव तेज होने पर गौला बैराज के फाटक खोलने पड़ते हैं। जब कभी भी गौला में बहाव बढ़ेगा तब सिंचाई विभाग रेलवे को सूचित करेगा, जिससे वह समय रहते अपनी मशीनों को गौला नदी से हटा लें।
वही रेखा यादव डीआरएम पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल ने बताया कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन की पटरियों के बचाव के लिए रेलवे लगातार काम कर रही है। गौला नदी का रुख मोड़े जाने का काम किया जा रहा है। जिससे रेलवे स्टेशन की तरफ कटाव कम हो सके। मशीनें लगी हुई हैं, संबंधित कार्यों का निरीक्षण किया गया है।