उत्तराखण्डकुमाऊं,

यहाँ हल्द्वानी डिपो की बस के आगे के हिस्से के उड़ गए परखच्चे, हाईवे पर ट्रैक्टर और बस में भयंकर टक्कर, परिचालक की मौत

हल्द्वानी न्यूज़- रोडवेज के हल्द्वानी डिपो की बस मंगलवार रात उत्तर प्रदेश के बिलासपुर में लकड़ी से भरी ट्रैक्टर-ट्राली से टकरा गई। हादसा इतना जबरदस्त था कि बस में आगे के हिस्से के परखच्चे उड़ गए। परिचालक की मौत हो गई, वहीं चालक समेत 13 लोग घायल हो गए। सभी को पुलिस व स्थानीय लोगों की मदद से नजदीकी अस्पताल ले जाया गया था।

 

इधर, सूचना पर हल्द्वानी से रोडवेज के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे। रोडवेज की एक बस हल्द्वानी से नैनीताल और नैनीताल से वाया हल्द्वानी होकर दिल्ली मार्ग पर संचालित की जाती है। मंगलवार रात नौ बजे बस हल्द्वानी बस स्टेशन से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। 24 यात्री इसमें सवार थे। रात साढ़े दस बजे करीब बिलासपुर में चड्ढा पेपर मिल के पास ट्रैक्टर-ट्राली में बस भिड़ गई।

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हल्द्वानी डिपो के एआरएम सुरेंद्र बिष्ट का कहना है कि ट्रैक्टर सड़क पर खड़ा होने की वजह से यह हादसा हुआ। वहीं, रफ्तार में होने के कारण बस के अगले हिस्से के परखच्चे उड़ गए। यात्रियों की चीख-पुकार मचने पर स्थानीय लोग भी मदद को पहुंच गए। पुलिस भी आ गई। हादसे में बस के परिचालक मनीष कुमार मिश्रा निवासी उजाला नगर हल्द्वानी, चालक महेश सिंह निवासी तिवारी नगर लालकुआं के अलावा 12 यात्रियों को भी चोट आई।

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मनीष की हालत गंभीर होने पर उसे रामपुर अस्पताल से हायर सेंटर रेफर किया गया, लेकिन मुरादाबाद पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। इधर, सूचना पर बुधवार सुबह एआरएम सुरेंद्र बिष्ट, हल्द्वानी डिपो इंचार्ज डीएन जोशी समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। चालक महेश के पांव में फ्रैक्चर होने की वजह से उसे हल्द्वानी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। निगम उसके उपचार का खर्चा उठाएगा।

 

घायलों के नाम

नंदिनी निवासी दिल्ली, दीपांशु निवासी दिल्ली, अरबाज निवासी बरेली, आदित्य निवासी दिल्ली, आशीष सिंह निवासी दिल्ली, अर्जुन निवासी करोलबाग दिल्ली, चंपा मंडल निवासी दिनेशपुर, करन निवासी दिनेशपुर, दीपक निवासी दिल्ली, प्रभु यादव निवासी रुद्रपुर, नेहा निवासी दिल्ली, राधा निवासी नैनीताल।

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तीन माह पहले ही नियमित हुआ था मनीष

परिचालक मनीष मिश्रा करीब डेढ़ माह से रोडवेज में नौकरी कर रहा था। पहले संविदा के तौर पर नियुक्ति हुई। तीन माह पूर्व ही मृतक आश्रित कोटे में उसे स्थायी नियुक्ति मिली थी। पिता भी परिवहन निगम में नौकरी करते थे। हादसे की सूचना मिलने के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है।