उत्तराखंड में बढ़ते अपराध और गन कल्चर पर हाईकोर्ट सख्त, गृह सचिव और डीजीपी से दो हफ्ते में प्लान तलब


नैनीताल न्यूज़– हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में बढ़ते अपराध, गन कल्चर और अवैध खनन पर कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने शुक्रवार को गृह सचिव और डीजीपी को आदेश दिए कि वे अवैध हथियारों और अपराध पर अंकुश लगाने के लिए दो सप्ताह में विस्तृत कार्ययोजना (एसओपी) पेश करें।
अदालत ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था लगातार चरमराती जा रही है। पंचायत चुनावों के दौरान अपहरण और गोलीकांड, ऊधमसिंह नगर में हत्या और हाल ही में काशीपुर में 9वीं कक्षा के छात्र द्वारा शिक्षक को गोली मारने जैसी घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं। कोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा कि आखिर प्रदेश में गन कल्चर और अपराध की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
हथियार तस्करों और फैक्ट्रियों पर सख्ती
हाईकोर्ट ने निर्देश दिए कि केवल छोटे अपराधियों को पकड़ने से समस्या खत्म नहीं होगी, बल्कि अवैध हथियारों के सप्लायर और फैक्ट्रियों को पकड़ना जरूरी है। अदालत ने कहा कि जब तक जड़ से कार्रवाई नहीं होगी, तब तक अपराधियों तक हथियार पहुंचते रहेंगे।
स्कूल गोलीकांड पर चिंता
काशीपुर में छात्र द्वारा शिक्षक पर गोली चलाने की घटना पर भी कोर्ट ने गंभीर सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि यदि पुलिस नियमित चेकिंग करती तो बच्चे के पास तमंचा नहीं मिलता। कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिए कि इस मामले पर विस्तृत एसओपी तैयार कर हर महीने स्कूलों और संवेदनशील क्षेत्रों की नियमित जांच की जाए।
अवैध खनन पर भी कार्रवाई
अदालत ने प्रदेश में सक्रिय बाहरी खनन माफिया पर चिंता जताते हुए कहा कि अवैध खनन रोकने के लिए भी सरकार को ठोस एसओपी तैयार करनी होगी।
उत्तराखंड में 4415 शस्त्र लाइसेंस
डीजीपी दीपम सेठ ने कोर्ट को बताया कि उत्तराखंड में वर्तमान में 4415 शस्त्र लाइसेंस जारी हैं। पिछले तीन वर्षों में अवैध तमंचों के विरुद्ध 1550 केस दर्ज किए गए हैं और 1700 आरोपियों से करीब 3000 हथियार जब्त किए गए। सोशल मीडिया पर हथियारों का प्रदर्शन करने वालों पर भी कार्रवाई हुई है, जिनमें से 73 मामलों में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

