उत्तराखंड- मंगलौर विस में मतदान के दौरान हुआ बवाल, पथराव के बाद चले लाठी-डंडे, फायरिंग का भी आरोप, कई घायल
मंगलौर विधानसभा उपचुनाव को लेकर लोगों में सुबह से ही उत्साह दिखाई दिया। पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू हुआ। देखते ही देखते लिब्बरहेड़ी में हालात बदल गए। यहां बने बूथ पर कुछ लोगों के बीच लाठी-डंडे चले। साथ ही पथराव भी हुआ।
मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि हंगामे के दौरान फायरिंग भी हुई है। फायरिंग की सूचना मिलते ही पुलिसबल मौके पर पहुंचा। किसी तरह हालात पर काबू पाया गया। हालांकि जिला प्रशासन हरिद्वार का कहना है कि मंगलौर उपचुनाव के दौरान मतदेय स्थल पर फायरिंग की सूचना पूर्णरूप से तथ्यहीन है।
मंगलौर विधानसभा सीट पर उपचुनाव बुधवार को हुआ। लिब्बरहेड़ी का बूथ नंबर 53-54 संवेदनशील क्षेत्रों में से एक था। इस बूथ पर तीन हजार से अधिक वोट हैं। ऐसे में यहां पुलिस और अर्द्धसैनिक बल को तैनात किया जाना चाहिए था लेकिन सुबह से यहां केवल दो होमगार्ड ही तैनात थे। ऐसे में नौ बजे अचानक दो पक्षों में विवाद हो गया।
मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों और कांग्रेसियों ने आंखों देखा हाल बताते हुए कहा कि दोनों पक्ष वोट डालने को लेकर आपस में भिड़े थे क्योंकि बूथ पर भीड़ अधिक थी। देखते ही देखते यहां लाठी-डंडे चल गए। छतों से कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। मामला बढ़ता देख अपनी दहशत बनाए रखने के लिए कुछ लोगों ने हवाई फायर तक किए। इससे पूरे लिब्बरहेड़ी में दहशत फैल गई। किसी ने तत्काल फायरिंग की सूचना पुलिस प्रशासन को दी।
घटनास्थल पर पूरा हरिद्वार पुलिस प्रशासन पहुंचा। साथ ही अर्द्धसैनिक बल भी मौके पर पहुंचा। पुलिस ने मामले की जानकारी जुटाई। पथराव करने वालों को बूथ परिसर से खदेड़ा। इसके अलावा पूरे मोहल्ले की गलियों में गश्त की। फायरिंग को लेकर पुलिस को कोई सबूत नहीं मिला। इसके बाद ही मतदान शुरू हो पाया।
उधर, एसपी देहात एसके सिंह ने बताया कि फायरिंग की सूचना पर पुलिस और अर्द्धसैनिक बल को तैनात किया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान फिर से कराया गया। जानकारी जुटाने पर पता चला कि मौके पर किसी तरह की कोई फायरिंग नहीं हुई थी। फायरिंग की गलत सूचना दी गई थी।