नैनीताल- दोहरी मतदाता सूची वाले प्रत्याशी पंचायत चुनाव में अयोग्य: हाईकोर्ट, फिलहाल जारी प्रक्रिया पर नहीं पड़ेगा असर”

नैनीताल न्यूज- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि जिन प्रत्याशियों के नाम पंचायत और नगर निकाय दोनों मतदाता सूचियों में दर्ज हैं, वे पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं। हालांकि, कोर्ट ने वर्तमान में चल रही चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है, जिससे यह आदेश आगामी चुनावों से प्रभावी होगा।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम के अनुसार, एक व्यक्ति का नाम दो अलग-अलग मतदाता सूचियों में नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उसने पहले ही इस पर निर्णय दे दिया है और अब कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया जाएगा।
यह मामला शक्ति सिंह बर्त्वाल द्वारा दाखिल जनहित याचिका के जरिए उठा, जिसमें कहा गया था कि हरिद्वार को छोड़ राज्य के 12 जिलों में ऐसे कई प्रत्याशी हैं, जिनके नाम दो सूचियों में दर्ज हैं। इससे रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा भिन्न-भिन्न निर्णय लिए गए, जिससे कई जगह नामांकन रद्द हुए और कहीं स्वीकृत।
हाईकोर्ट ने कहा कि नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, इसलिए वह वर्तमान चुनाव में हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन भविष्य में इस प्रकार की स्थिति पर सख्ती से रोक रहेगी। आयोग ने कहा कि आदेश की प्रति मिलने के बाद विधिक पहलुओं पर विचार किया जाएगा।
वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने कहा कि कोर्ट के आदेश के अनुसार अब दोहरी मतदाता सूची वाले प्रत्याशी चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए हैं, और यदि ऐसी स्थिति में कार्रवाई नहीं होती है, तो यह न्यायालय की अवमानना मानी जाएगी।
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से बताया गया कि शनिवार और रविवार के अवकाश के चलते हाईकोर्ट से स्टे वेकेट कराने या निर्देश प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी।
(फुटनोट: यह मामला राज्य की चुनावी पारदर्शिता और वैधानिक प्रक्रिया की गंभीरता को उजागर करता है, जिससे भविष्य के पंचायत चुनावों में स्पष्ट दिशानिर्देशों की आवश्यकता और अधिक बढ़ गई है।)
