उत्तराखण्डकुमाऊं,गढ़वाल,

देवभूमि की सांस्कृतिक अस्मिता को अक्षुण रखने का संकल्प: मुख्यमंत्री धामी, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत 60 से अधिक गिरफ्तार, जागर परंपरा के संरक्षण पर जोर

देहरादून न्यूज़– मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि की पवित्रता और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत अब तक 60 से अधिक छद्म वेशधारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और यह अभियान पवित्र सावन मास व चारधाम यात्रा के दौरान भी पूरी गहनता से जारी रहेगा।

 

 

शनिवार को देहरादून के सर्वे चौक स्थित IRDT सभागार में हिमालयन हेरिटेज सोसाइटी द्वारा आयोजित मैत्री जात्रा मां भगवती सुरकंडा जागर के विमोचन समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई कर रही है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड- कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने 04 करोड़ के विकास कार्यो का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।

 

 

मुख्यमंत्री ने पद्मश्री प्रीतम भरतवाण द्वारा रचित और गाया गया सुरकंडा देवी पर आधारित जागर गीत विमोचित किया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी मौजूद रहे। धामी ने कहा कि जागर केवल गीत नहीं, एक आध्यात्मिक संवाद हैं, जिनमें देवत्व को आमंत्रित करने की शक्ति होती है।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून- (बड़ी खबर) वन विभाग अब इन 23 नदियों से हटाएगा अतिक्रमण, ये नदियां की चिन्हित।

 

 

उन्होंने कहा कि मां सुरकंडा हमारी लोक आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक हैं। उनके मंदिर तक रोपवे सुविधा शुरू कर सरकार ने तीर्थयात्रियों को बड़ी राहत दी है।

 

 

मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे सरकारी नौकरियों के लिए मेहनत और विश्वास के साथ तैयारी करें क्योंकि अब चयन केवल मेरिट, प्रतिभा और पारदर्शिता के आधार पर होगा।

 

 

कार्यक्रम में डॉ. केपी जोशी, साहित्यकार सचिदानंद सेमवाल, शक्ति प्रसाद भट्ट, रजनीश कंसवाल समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून- प्रदेश में निकाय चुनाव का रास्ता हुआ साफ, राजभवन ने ओबीसी आरक्षण संबंधी अध्यादेश को दी मंजूरी

 

पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने बताया कि इस जागर गीत में सुरकंडा देवी की पौराणिक और लोक परंपरा को समाहित किया गया है। वीडियो निर्देशन विजय भारती, संगीत संयोजन रंजीत सिंह द्वारा किया गया है।

 

 

कार्यक्रम में बच्चों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं और उषा देवी ने पारंपरिक ढोल वादन और जागर गायन से समां बांधा।