उत्तराखंड की मलिन बस्तियों के सुधरेंगे हालात, मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से मांगी गई रिपोर्ट, पुनर्वास कार्य योजना तैयार करने के निर्देश
- सचिवालय में राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक
- मलिन बस्तियों के चिह्नीकरण की रिपोर्ट 15 दिन में भेजेंगे डीएम
- सफाई कर्मचारियों की आवासीय व्यवस्था पर भी तलब की रिपोर्ट
देहरादून न्यूज़- मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों की मलिन बस्तियों का चिह्नीकरण कर इसकी रिपोर्ट 15 दिन के भीतर शासन को भेजने की डेडलाइन दी है।
सचिवालय में शहरी विकास विभाग की राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में उन्होंने नगर निगमों के अंतर्गत कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों की आवासीय व्यवस्था की रिपोर्ट भी तलब की। साथ ही निर्माण स्थलों पर कार्य करने वाले प्रवासी श्रमिकों की आवासीय व्यवस्था की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि मलिन बस्तियों के चिह्नीकरण की रिपोर्ट मिलने के बाद वहां निवासरत परिवारों के जीवन स्तर में सुधार, मलिन बस्तियों के विनियमितीकरण और पुनरुद्धार, पुनर्वास की कार्ययोजना पर कार्य किया जाएगा। उन्होंने मलिन बस्तियों में सुधार के लिए विभिन्न राज्यों के मॉडल पर किए गए अध्ययन की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि मलिन बस्तियों के चिह्नीकरण की रिपोर्ट मिलने के बाद वहां निवासरत परिवारों के जीवन स्तर में सुधार, मलिन बस्तियों के विनियमितीकरण और पुनरुद्धार, पुनर्वास की कार्ययोजना पर कार्य किया जाएगा। उन्होंने मलिन बस्तियों में सुधार के लिए विभिन्न राज्यों के मॉडल पर किए गए अध्ययन की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, ऊधम सिंह नगर व चंपावत जिलों के डीएम को विशेष रूप से निर्देश दिए कि वे अधिक समय न लेते हुए मलिन बस्तियों की सूचना उपलब्ध कराएं।
उन्होंने कहा कि वांछित सूचना मिलने के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना अथवा राज्य में प्रचलित अन्य उपयोगी व कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करते हुए मलिन बस्तियों के निवासियों के पुनर्वास व पुनर्व्यवस्थापन की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। साथ ही अधिकारियों को स्लम फ्री उत्तराखंड के विजन के साथ कार्य करने की नसीहत दी।
बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, नितेश कुमार झा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। दोनों मंडलों के आयुक्त और जिलाधिकारी वर्चुअली बैठक से जुड़े।