प्रदेश के सीएम धामी ने जांबाजों को किया याद, बलिदानी परिवारों के लिए की पांच बड़ी घोषणा
देहरादून न्यूज़- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल युद्ध के बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। कारगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ पर गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने शिरकत की।
कहा की एक वक्त था जब हम युद्ध भूमि में जीतते थे पर टेबल पर हार जाते थे। पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कुशल नेतृत्व का नतीजा था कि कारगिल युद्ध में हम रण में भी जीते और टेबल पर भी। आज प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से सेना सशक्त हुई है। उसका यश और कीर्ति भी दुनिया में बढ़ी है।
आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। एक वक्त था जब भारत वैश्विक मंचों पर अपनी पैरवी भी नहीं कर पाता था। पर आज देश मजबूत हुआ है। भारत कुछ कहता है तो दुनिया ध्यान से सुनती है। आज सेना गोली का जवाब गोले से देती है। सेना को आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ता। वह दुश्मन को घर में घुसकर मरती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने सेना के आधुनिकरण के साथ ही सैनिकों की सुविधाओं को भी बढ़ाने का काम किया गई। राज्य सरकार भी सैनिकों के कल्याण के लिए संकल्पित है।अग्नीवीरों को विभिन्न सेवाओं में समायोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने की घोषणा
- यह व्यवस्था की जा रही है कि बलिदानी के परिवार को मिलने वाली अनुदान राशि को पत्नी और परिवार में विभाजित किया जाए।
- बलिदानी के परिवार को मिलने वाली अनुदान राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50लाख की जाएगी।
- अभी तक शहादत का सर्टिफिकेट मिलने के दो वर्ष के भीतर नौकरी के लिए आवेदन करना होता था।इस अवधि को बढ़ाकर पांच वर्ष किया जाएगा।
- बलिदानी के परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी की व्यवस्था है ।जिसके लिए हर जिले के कलक्ट्रेट में समूह ग और घ के दो–दो पद सृजित किए गए थे।अब विभिन्न विभागों में कनिष्ठ सहायक और समूह ग के रिक्त पदों पर भी भर्ती की व्यवस्था की जाएगी।
- सैनिक कल्याण के संविदा कर्मियों को भी उपनल की ही तरह अवकाश अनुमन्य होगा।
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, निवर्तमान महापौर सुनील उनियाल गामा, कैंट विधायक सविता कपूर, डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला आदि ने भी बलिदानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कहा कि कारगिल युद्ध भारतीय सेना के अदम्य साहस और अटूट संकल्प का प्रतीक है। भारतीय सेना ने विपरीत परिस्थितियों में इस युद्ध को लड़ा और दुश्मनों के हौसले पस्त कर दिए।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले बलिदानियों को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने असाधारण साहस, शौर्य और रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया था। इस विजय अभियान में भारतीय सेना के कई शूरवीरों ने देश के लिए अपना बलिदान किया। इनमें उत्तराखंड के भी कई वीर सैनिक शामिल थे।
उन्होंने कहा कि भारत की सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम से हमेशा देश का गौरव बढ़ाया है, जिस पर हम सभी को गर्व है। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में देश के लिए बलिदान देने की परंपरा रही है। कारगिल युद्ध में भी बड़ी संख्या में देश के वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके स्वजन के कल्याण के लिए वचनबद्ध है। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।