उत्तराखंड- पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत का नौकरशाही पर वार: “भ्रष्टाचार का ट्रक अब यहीं से भरता है”


उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को मसूरी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राज्य की नौकरशाही और भ्रष्टाचार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तराखंड बनने के बावजूद भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लग पाई है।
पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा, “जब उत्तराखंड यूपी का हिस्सा था, तब अफसर ट्रक भरकर ले जाते थे। अब फर्क बस इतना है कि ट्रक भरने वाले भी यहीं के हैं और काजू-बादाम-किशमिश खाने वाले भी यहीं के लोग हैं।” रावत की यह टिप्पणी सुनकर कार्यक्रम स्थल पर मौजूद लोग दंग रह गए, लेकिन तालियों की गड़गड़ाहट ने उनके बयान का समर्थन भी कर दिया।
आंदोलन की याद दिलाई
रावत ने उत्तराखंड आंदोलन के दिनों को याद करते हुए कहा कि उस समय लोग कोड़ा-झंगोरा खाकर भी अलग राज्य की लड़ाई लड़ रहे थे। उन्होंने सवाल उठाया कि आज वह जज़्बा कहां खो गया है। रावत ने स्पष्ट कहा कि जिस सपने और सोच के लिए उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था, वह अब तक साकार नहीं हो पाया है।
अधिकारियों की दोहरी भूमिका पर निशाना
पूर्व सीएम ने कहा कि जैसे नेता अच्छे और बुरे होते हैं, वैसे ही अधिकारी भी दो तरह के होते हैं। कुछ ईमानदार हैं, तो कई भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हैं। उन्होंने सरकार को सलाह दी कि योजनाबद्ध तरीके से सुधार की पहल करनी होगी।
ईमानदारी पर जोर
रावत ने चेतावनी दी कि यदि ईमानदारी और जनसेवा का भाव नहीं आया तो आंदोलनकारियों की कुर्बानियां व्यर्थ हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि जनता के हित के लिए भ्रष्टाचार का ट्रक अब रुकना ही चाहिए, वरना उत्तराखंड का सपना अधूरा रह जाएगा।
राजनीतिक हलचल
पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाने वाला साबित हुआ है। उनके बयान ने राज्य सरकार और नौकरशाही की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रावत की यह टिप्पणी आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति में नई बहस को जन्म दे सकती है।

