उत्तराखण्डगढ़वाल,

उत्तराखंड- यहाँ माध्यमिक विद्यालय में सेवारत परिचारक को नशे की हालत में विद्यालय आना पड़ा महंगा, हुई ये कार्यवाही

विकासखंड थलीसैंण के एक माध्यमिक विद्यालय में सेवारत परिचारक को नशे की हालत में विद्यालय आना भारी पड़ गया है। सेवा के प्रति लापरवाही बरतने पर परिचारक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

 

प्रभारी डीईओ बेसिक पौड़ी रणजीत सिंह नेगी ने परिचारक का निलंबन आदेश जारी किया है। उन्होंने परिचारक को बीईओ थलीसैंण जीआईसी गुलियारी में सेवारत परिचारक के नशे में विद्यालय आने की जांच में पुष्टि हुई है। सेवा के प्रति लापरवाही, अनुशासनहीनता, कार्मिकों से अभद्रता के चलते परिचारक सचिदानंद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उसे बीईओ थलीसैंण कार्यालय संबद्ध कर मामले की विस्तृत जांच बीईओ को सौंप 15 दिनों में आरोप पत्र सहित रिपोर्ट दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

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कार्यालय संबद्ध कर विस्तृत जांच बीईओ थलीसैंण को सौंप 15 दिनों में रिपोर्ट दिए जाने के निर्देश दिए हैं। विकास खंड थलीसैंण के जीआईसी गुलियारी के प्रधानाचार्य ने बीते 12 दिसंबर को एक शिकायत पत्र बीईओ थलीसैंण को भेजा था। पत्र में प्रधानाचार्य ने बताया था कि विद्यालय में सेवारत परिचारक सचिदानंद शराब के नशे में विद्यालय में आता है। उसे कई बार मौखिक व लिखित चेतावनी दी। साथ ही परिचारक के कई स्पष्टीकरण तलब किए गए, लेकिन उसके व्यवहार में कोई सकारात्मक बदलाव नहीं आ रहा है।

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प्रधानाचार्य की शिकायत पर बीईओ थलीसैंण विवेक पंवार ने अटल उत्कृष्ट जीआईसी चाकीसैंण व जीआईसी चौरा के प्रधानाचार्यों की दो सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच के निर्देश दिए थे। जांच टीम जब बीते 19 दिसंबर को जीआईसी गुलियारी पहुंची तो परिचालक विद्यालय परिसर में नशे की हालत में पड़ा था। किसी तरह टीम ने परिचारक को उठाकर बिठाया, लेकिन वह कुछ भी नहीं कह पाया था। जांच दल ने विद्यालय के प्रधानाचार्य, शिक्षक, छात्रों व अन्य स्टाफ से प्रकरण को लेकर पूछताछ की।

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एसएमसी की बैठक में भी उसे पद से हटाए जाने का प्रस्ताव पारित हुआ था। बीईओ थलीसैंण ने बीते 27 दिसंबर को कार्रवाई की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी थी। जिसके बाद उसे निलंबित करने के निर्देश जारी हुए।