उत्तराखण्डकुमाऊं,

उत्तराखंड- इस जिले के नवनियुक्त पुलिस कप्तान ने देर रात चौराहे पर कुर्सी-मेज लगाकर पढ़ाया कानून का पाठ, कहा- पुलिस सड़कों पर दिखाई देगी तो…?

काशीपुर शहर का महाराणा प्रताप चौक हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है। यह चौराहा पुतला फूंकने, धरना-प्रदर्शन के साथ ही कई वर्ष पहले तक बड़े अपराधियों को पुलिस की ओर से सार्वजनिक रूप से सजा देने के लिए सुर्खियों में रहा है। इस बार यह चौराहा इन सबसे अलग चर्चाओं में आ गया।

 

इस बार पुलिस कप्तान ने देर रात अपने अधीनस्थों की बैठक लेकर शहरवासियों को चौंका दिया। लोगों के मन में बार-बार यह सवाल उठता रहा कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि दिन के उजाले में चहारदीवारी के अंदर होने वाली बैठक रात के अंधेरे में खुले आसमान के नीचे करनी पड़ी।

 

बीते रविवार की देर रात लगभग 12:30 बजे एकाएक महाराणा प्रताप चौक पर कोतवाली के अलावा आसपास के थानों-चौकियों के पुलिसकर्मी जमा हो गए। कुछ ही देर में दर्जनों कुर्सियां भी सज गईं। साथ ही शहर के कुछ गणमान्य नागरिकों को पुलिसकर्मियों ने फोन कर चौराहे पर बुला लिया। एमपी चौक पर सड़क के बीचों बीच खुले आसमान के नीचे मीटिंग हॉल सा नजारा बन गया। इससे पहले वहां से गुजरने वाले लोग कुछ समझ पाते, कि तभी जिले के नवनियुक्त एसएसपी मणिकांत मिश्र पहुंच गए।

 

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उनके आते ही पुलिस कर्मियों की क्लास शुरू हो गई। इस दौरान ऐसा नजारा बना जैसे किसी क्लास में शिक्षक अपने स्टूडेंट को पढ़ा रहा हों। लगभग आधे घंटे की इस क्लास में एसएसपी ने काशीपुर, जसपुर, बाजपुर कोतवाली, आईटीआई व कुंडा थाना प्रभारियों व उपनिरीक्षकों को कानून-व्यवस्था का पाठ पढ़ाया।

 

 

एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि पुलिस अगर सड़कों पर दिखाई देगी, तो अपराधियों में डर रहेगा। आम जनता में विश्वास बना रहेगा, कि पुलिस सड़कों पर दिखाई दे रही है। इस दौरान यहां पर बसपा नेता हसीन खान, एमए राहुल, व्यापारी नेता जतिन नरूला, कांग्रेस नेता अब्दुल कादिर, नौशाद अली आदि मौजूद रहे।

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देर रात गणमान्यों के घनघना उठे फोन
एसएसपी की बैठक के दौरान शहर के कुछ गणमान्य नागरिकों के देर रात फोन घनघना उठे। बताया जाता है जब गणमान्यों ने अपने मोबाइल पर घंटी बजती देखी और एक पुलिस अधिकारी का नंबर देखा तो वह बिस्तर से एकाएक उठ गए। आखिर इतनी रात में क्या हो गया? पता चला नवनियुक्त एसएसपी साहब आ रहे हैं। आप मुख्य चौराहा पर पहुंच जाओ।

 

जब वे चौराहे पर पहुंचे तो तब एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि साहब, बैठक लेने के बाद बात करेंगे, लेकिन उन्हें यह समझ नहीं आया ऐसी क्या मजबूरी है कि देर रात उन्हें आदेश दिए कि आप चौराहे पर पहुंचों। लोगों का कहना है यदि शहर के संबंध में जानकारी लेनी ही थी, तो दिन में आते और जनता संवाद करते। इस तरह बुलाना समझ से परे है।

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कहीं सुर्खियों में रहना तो मकसद नहीं
एसएसपी की ओर से देर रात ऑफिस के बजाय सड़क पर चौपाल लगाना कहीं सुर्खियों में आना तो मकसद नहीं है। अक्सर इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं जैसे सोशल मीडिया की अपने किसी काम की रील्स वीडियो अपलोड करना। क्योंकि शहर के इतिहास में यह पहली बार है जब जिले के कप्तान साहब ने देर रात सड़क पर बैठक की।