Uttarakhand Weather: मौसम का बदला पैटर्न, उत्तराखंड तक नहीं पहुंच रहीं हवाएं, लगातार बढ़ रहा तापमान
बीते कुछ साल से बदले मौसम के पैटर्न का सीधा असर तापमान पर देखने को मिल रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी इलाकों में सर्दियों के मौसम में आने वाला तूफान पश्चिमी विक्षोभ यानि वेस्टर्न डिस्टर्बन्स यहां तक नहीं पहुंच पा रहा है। खासकर पर्वतीय जिलों तक, जिसके चलते दिन के साथ रात के तापमान में भी इजाफा हो रहा है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ की ठंडी हवाएं ही बारिश और बर्फबारी का माहौल बनाती हैं। लेकिन, बीते कुछ समय से यह ठंडी हवाएं उत्तराखंड तक पहुंचने में नाकाम साबित हो रही हैं। यही कारण है कि जनवरी के बाद फरवरी में भी न बारिश हो रही है और न ही ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी। उत्तराखंड में मौजूद हिमालयी ग्लेशियर इस बार बेहद कम रिचार्ज हुए हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में पूरे प्रदेशभर में जलसंकट बन सकता है।
प्रदेशभर में बीते 24 घंटों में 1.6 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य के आंकड़े से ना के बराबर है। मिजोरम विश्वविद्यालय, आइजोल के प्रो. विश्वंभर प्रसाद सती ने कहा, पश्चिमी विक्षोभ की हवाओं का उत्तराखंड तक न पहुंचने की वजह से खुलकर बारिश नहीं हो रही है। इसके चलते प्रदेश में हल्की बूंदाबांदी तो हुई, लेकिन तापमान में गिरावट नहीं आई।
प्रदेश के पर्वतीय जिलों में बुधवार को भी हल्की बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा और टिहरी जिले के कुछ इलाकों में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। जबकि कुछ जिलों में बिजली चमकने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, आने वाले दिनों की बात करें तो छह जनवरी से मौसम शुष्क रहेगा।