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उत्तराखंड- राज्य में अगले सप्ताह लागू होगा समान नागरिक संहिता, इतिहास रचने को सीएम धामी तैयार

देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड-यूसीसी (समान नागरिक संहिता) लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। सूत्रों की बात माने तो सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार की ओर से यूसीसी को लागू करने की पूरी तैयारी कर चुकी है।

इंडिया टुडे रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्ति) रंजना देसाई के नेतृत्व में गठित एक समिति अगले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को समान नागरिक संहिता पर एक रिपोर्ट सौंप सकती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली के अगले सप्ताह उत्तराखंड विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया जाएगा।

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सत्र में समान नागरिक संहिता विधयेक पारित किया जा सकता है, जिससे इसे कानूनी दर्जा दिया जाएगा। इस साल जून में, समान नागरिक संहिता (यूसीसी) मसौदा समिति के सदस्य सेवानिवृत्ति सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रंजना प्रसाद देसाई ने कहा कि उत्तराखंड के लिए सम्मान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार हो चुका है और जल्दी उत्तराखंड सरकार को सौंप दिया जाएगा।

इसके अलावा सूत्रों ने यह भी कहा कि उत्तराखंड के नक्शेकदम पर चलते हुए गुजरात भी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता लागू कर सकता है। इस कदम के साथ ही गुजरात सम्मान नागरिक संहिता लागू करने वाला दूसरा राज्य बन जाएगा।

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क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) समान नागरिक संहिता

यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) समान नागरिक संहिता में लैगिक समानता और पैतृक संपत्तियों में बेटियों के लिए समान अधिकार पर जोर दिया गया है। सूत्रों की बात माने तो यह भी महिलाओं की विवाह योग्य आयु को बढ़ाकर 21 वर्ष करने का सुझाव नहीं देता है। समिति की सिफारिश में कहा गया है कि महिलाओं के लिए विवाह की आयु 18 वर्ष ही बरकरार रखी जानी चाहिए।

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यह एक ऐसा कानून बनाना है जो शादी, तलाक, विरासत और गोद लेने से संबंधित मामलों में सभी धर्म पर लागू होगा। विधेयक का विशेषतौर पर विवाह पंजीकरण, तलाक, संपत्ति अधिकार, अंतर-राज्य संपत्ति अधिकार, रखरखाव, बच्चों की हिरासत आदि में एकरूपता पर फोकस है।