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नैनीताल- सीएम धामी के निर्देशों के बाद यहाँ चला प्रशासन का बुलडोजर, अवैध मदरसे में बच्चों का हो रहा था शोषण

  • सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण के विरुद्ध सीएम धामी की सख्ती
  • ज्योलीकोट के वीरभट्टी स्थित अवैध मदरसे पर चला बुलडोजर
  • इस अवैध मदरसे में बच्चों का हो रहा था शोषण

नैनीताल न्यूज़– मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण के विरुद्ध सख्ती का असर नैनीताल में दिखा। जिला प्रशासन ने ज्योलीकोट के वीरभट्टी स्थित अवैध मदरसे पर बुलडोजर चला दिया। प्रशासन और पुलिस बल की मौजूदगी में करीब छह घंटे में मस्जिद की आड़ में 266.05 वर्ग मीटर भूमि पर बना मदरसा ध्वस्त कर दिया गया।

मदरसे में रह रहे बच्चों के शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न के आरोप में संचालक पिता-पुत्र पर प्राथमिकी भी दर्ज है। मुख्यमंत्री ने इस मदरसे में बच्चों के उत्पीड़न के बाद पूरे प्रदेश में मदरसों की जांच के आदेश गृह विभाग को दिए थे।

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जिलाधिकारी वंदना को वीरभट्टी क्षेत्र में अंजुमन इकरा नाम से 2010 से संचालित हो रहे मदरसे में बच्चों के उत्पीड़न की शिकायत मिली थी। इस पर आठ अक्टूबर को सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी ऋचा सिंह और जिला प्रोबेशन अधिकारी वर्षा आर्या के नेतृत्व में टीम ने मदरसे में छापेमारी की थी। इस दौरान टीम को भारी अनियमितताएं मिली थी। गंदगी के बीच वहां बच्चों को बेहद खराब अवस्था में रखा गया था।

पूछताछ में बच्चों ने मदरसा संचालक पर शारीरिक शोषण, मारपीट और अश्लील फिल्में दिखाने के आरोप भी लगाए थे। जांच में यह भी पता चला था कि मदरसा संचालन के लिए अवैध फंडिंग हो रही थी। मदरसा शिक्षा विभाग या किसी अल्पसंख्यक संस्था से पंजीकृत नहीं था।

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टीम ने मदरसे से 24 बच्चों को निकालकर काउंसलिंग के बाद स्वजन के सुपुर्द कर दिया था और साथ ही मदरसा संचालक मोहम्मद हारुन व उसके बेटे इब्राहिम के विरुद्ध हल्द्वानी निवासी अफजल खान की तहरीर पर पॉक्सो एक्ट समेत संक्रमण फैलाना, चोट पहुंचाना व गुंडा एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर मदरसे को सील कर दिया था। आरोपितों को जमानत पर छोड़ा गया था।

एसडीएम नैनीताल प्रमोद कुमार की ओर से मदरसा संचालक को दो नोटिस जारी किए गए। तो संचालक ने सरकारी भूमि पर निर्माण की बात स्वीकार की। गुरुवार को एसडीएम प्रमोद कुमार की अगुवाई में टीम ने बुलडोजर और मजदूरों की मदद से अतिक्रमण ध्वस्त कर दिया।

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एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि दस्तावेजों को जांचने पर वर्ष 1955 से क्षेत्र में मस्जिद होने के प्रमाण मिले है। मस्जिद के नाम करीब 1.2 नाली भूमि दर्ज है। जिसके बाद राजस्व विभाग की पैमाइश में 266.05 वर्ग मीटर सरकारी भूमि पर मदरसा भवन व शौचालय बने थे।

यही नहीं स्थानीय निवासी धन सिंह नेगी के नाम से आवंटित एक नाली 12 मुट्ठी भूमि पर भी मदरसा संचालक पर कब्जा करने का आरोप है। गुरुवार को कार्यवाही के दौरान पट्टाधारक मौके पर पहुंच गए। एसडीएम ने संबंधित दस्तावेज पेश करने के बाद पट्टे पर आवंटित भूमि में तारबाड़ करने के निर्देश दिए।