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मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने सचिवालय में सिखाया सुराज, सुशासन, सरलीकरण एवं समाधान का पाठ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में सुराज, सुशासन, सरलीकरण एवं समाधान के संबंध में अनुभाग अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि सचिवालय प्रदेश का दर्पण है, यहीं से प्रदेश की दशा, दिशा एवं व्यवस्थाओं का नीति निर्धारण होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुभाग अधिकारी सचिवालय की महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। सचिवालय के अनुभागों में नई कार्य संस्कृति से कार्य हो और कार्यों के सफल संचालन के लिए हर संभव सुविधा दी जायेगी। सचिवालय से लोगों को बहुत अपेक्षाएं होती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन की समस्याओं के समाधान के लिए पत्रावलियों पर सकारात्मक नोटिंग हो। पत्रावलियों पर सबके दृष्टिकोण अलग हो सकते हैं। इनके निस्तारण के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण से हम अपना क्या योगदान दे सकते हैं, इस पर ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनहित से जुड़ी किसी पत्रावली पर जब सकारात्मक निस्तारण होता है, तो इसका लाभ समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों को मिलता है। समाज के इन अंतिम पंक्ति के लोगों को ध्यान में रखते हुए कार्यों को आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि जिन कार्मिकों को सचिवालय में सेवा करने का अवसर मिला है, उन पर अपने सकारात्मक दृष्टिकोण से अनेक लोगों का जीवन परिवर्तन करने का अवसर भी होता है। भगवान द्वारा दिये गये इस अवसर का लाभ जनहित के कार्यों से अवश्य लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर कार्यप्रणाली के लिए अनुभाग अधिकारियों को वर्ष में एक बार प्रशिक्षण अवश्य दिया जाए। इसके अलावा जो अनुभाग अधिकारी कार्यों के बेहतर संपादन के लिए कोई अन्य प्रशिक्षण लेना चाहते हैं, उसकी भी व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुभाग अधिकारियों को जो अनुभाग दिये जाते हैं, उनसे संबंधित कार्यों की उन्हें बेहतर जानकारी हो, इसके लिए उन्हें कुछ दिन संबंधित विभाग के एचओडी ऑफिस में भेजा जाए, ताकि वे विभागों की कार्यप्रणाली को अच्छी तरह समझ पायें।

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इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व अनुभाग अधिकारी उपस्थित रहे।