कोमा, डीप कोमा, फिर दुनिया छोड़ गई मासूम, डॉक्टर बोले- यह दुनिया किस हैवानियत की तरफ जा रही है, पढ़ें मामला

मासूम तो बस टॉफी लेने गई थी… किसी को क्या पता था कि लौटकर कभी मां की गोद में मुस्कराएगी भी नहीं। तीन साल की नन्हीं बच्ची को दरिंदे ने मासूमियत के नाम पर ऐसी सजा दी कि इंसानियत भी शर्म से झुक गई।
फिर भी बच्ची ने हिम्मत नहीं हारी…और पूरे आठ दिन तक कानपुर के हैलट अस्पताल में जिंदगी से जंग लड़ती रही। आखिरकार…माता-पिता और इलाज कर रहे डॉक्टर से मासूम कुछ कह भी नहीं पाई और आंखों में दर्द समेटकर दुनिया को आठवें दिन बुधवार को अलविदा कह गई। चिल्ला थाना क्षेत्र के एक गांव में बीते मंगलवार (तीन जून) को तीन साल की मासूम के साथ एक शादीशुदा युवक सुनील निषाद ने टॉफी और पान मसाला लाने का झांसा देकर उसे अपने घर बुलाया।
जंगल में मरा समझकर फेंक आया था आरोपी
वहां उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। जब वह बेहोश हो गई, तो आरोपी ने उसे मछली रखने वाले थर्माकोल के बॉक्स में भरकर साइकिल पर रख लिया और गांव से लगभग 10 किलोमीटर दूर जंगल में मरा समझकर फेंक आया। दुष्कर्म की शिकार तीन साल की बच्ची बुधवार सुबह हमेशा के लिए सो गई। वह जब भर्ती हुई तो कोमा में रही है।
यह दुनिया किस हैवानियत की तरफ जा रही है?
इसके बाद डीप कोमा में चली गई। पांच विभागों के विशेषज्ञों की टीम खूब जूझी और फिर हार गई। बच्ची को कार्डियक अरेस्ट हुआ। सांसें थमने के बाद डॉक्टरों से लेकर पैरा मेडिकल स्टॉफ के आंखों में आंसू रहे। बोले कि यह दुनिया किस हैवानियत की तरफ जा रही है? बच्ची को जब पीडियाट्रिक आईसीयू में भर्ती किया गया, तो उस वक्त उसके मस्तिष्क में सूजन थी।
पाखाना और पेशाब का रास्ता एक हो गया था
डॉक्टरों का कहना है कि गला दबाने की वजह से उसके मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी हो गई। वह कोमा की स्थिति में पहुंच गई। इसके साथ ही मासूम के जननांगों पर गहरी चोट रही। पाखाना और पेशाब का रास्ता क्षतिग्रस्त होकर एक हो गया। इससे बहुत अधिक खून शरीर से बह गया था। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि वह तकरीबन ब्रेन डेड की स्थिति में भर्ती हुई थी। पाखाने का अलग रास्ता बनाने के लिए ऑपरेशन करने के लिए बच्ची के पिता ने अनुमति नहीं दी थी।
रात दो बजे जंगल से मिली मासूम
परिजनों ने बच्ची की तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली। जब शाम होते-होते बच्ची का पता न चला, तो परिजनों ने चिल्ला पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने रात करीब दो बजे जंगल से मासूम को बेहोशी की हालत में बरामद किया। शरीर पर चोटों के निशान थे, और आंखों में डर समाया हुआ था। उसे तुरंत जिला अस्पताल, फिर रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज, और वहां से कानपुर के हैलट अस्पताल रेफर किया गया। आठ दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच झूलने के बाद बुधवार को मासूम ने दम तोड़ दिया।
तीन डॉक्टरों के पैनल से हुआ पोस्टमार्टम, गांव में बढ़ाई गई सुरक्षा
कानपुर प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन डॉक्टरों का विशेष पैनल गठित कर बच्ची का पोस्टमार्टम कराया। परिजन इस समय कानपुर में ही हैं। पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल ने बताया कि परिजन अंतिम संस्कार कानपुर में करें या बांदा लाएं, यह उनका निर्णय होगा। चिल्ला थाना क्षेत्र के गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
ग्रामीणों के जाम लगाने पर आरोपी को पुलिस ने मुठभेड़ में किया था गिरफ्तार
तीन जून मंगलवार को चिल्ला के एक गांव में बच्ची के साथ हुई हैवानियत के आरोपी को पकड़ने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा था। रात में ही उन्होंने बांदा-कानपुर हाईवे पर जाम लगाया था। पुलिस ने बुधवार तड़के आरोपी सुनील निषाद को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। आरोपी के दाहिने पैर में गोली लगी थी। इलाज के बाद बुधवार को जेल भेज दिया था। आरोपी सुनील निषाद के खिलाफ दुष्कर्म, पाक्सो, अपहरण, जानलेवा हमला समेत गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इसकी विवेचना चिल्ला थाना एसएसआई रामदिनेश तिवारी कर रहे हैं।
बच्ची के मौत की वायरल हुई थी खबर, लगे थे सियासी आरोप-प्रत्यारोप
तीन वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता मासूम के मामले में सियासी आरोप-प्रत्यारोप भी लगने शुरू हुए थे। सपा के पूर्व सांसद विशंभर प्रसाद निषाद के मोबाइल फोन में सुबह करीब 10 बजे व्हाट्सएप ग्रुप पर मैसेज वायरल हुआ था। मैसेज में साफ लिखा था कि दुष्कर्म पीड़िता की मौत हो गई है। बच्ची से हैवानियत करने वाला राज्यमंत्री का करीबी है।
सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास
इस मैसेज का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने मीडिया सेल में बयान जारी कर इसे अफवाह और बच्ची का इलाज जारी होने की बात कही थी। हालांकि, बाद में पूर्व सांसद विशंभर प्रसाद निषाद ने बयान में कहा था कि उन्होंने इसे डिलीट कर दिया है। उधर, भाजपा जिलाध्यक्ष कल्लू सिंह राजपूत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मंत्री और सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास बताया था।
बुधवार को कानपुर के हैलट अस्पताल में दुष्कर्म पीड़िता की मौत हो गई है। कानपुर प्रशासन से बात कर तीन डॉक्टरों के पैनल से मासूम के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। बच्ची के परिजन कानपुर में ही हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराएं बढ़ाई जाएंगी। इस मामले की चार्जशीट वह जल्द से जल्द कोर्ट में दाखिल कराएंगे। आरोपी फिलहाल जेल में है। -पलाश बंसल, पुलिस अधीक्षक, बांदा
