हल्द्वानी में आयुक्त दीपक रावत की जनसुनवाई: ई-रिक्शा घोटाले पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश, ज्योति मेर हत्याकांड पर भी उठा मुद्दा


हल्द्वानी न्यूज- मुख्यमंत्री के आयुक्त/सचिव दीपक रावत ने शनिवार को कैम्प कार्यालय हल्द्वानी में आयोजित जनसुनवाई में आम जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुना और कई मामलों में मौके पर ही समाधान किया।
जनसुनवाई के दौरान अधिकतर शिकायतें भूमि विवाद, दाखिल-खारिज, झूठे मुकदमों, प्रतिबंधित पॉलिथीन सप्लाई सहित विभिन्न विषयों से जुड़ी रहीं।
ई-रिक्शा डीलरों की जांच के आदेश
बिलासपुर (उत्तर प्रदेश) निवासी गुलशन ने शिकायत दर्ज कराई कि देवलचौड़ ट्रांसपोर्ट ई-रिक्शा डीलर ने बैंक से 2.40 लाख रुपये में लोन दिलाकर ई-रिक्शा उपलब्ध कराया, लेकिन उसकी आर.सी. नहीं दी। किस्त जमा न कर पाने पर डीलर ने ई-रिक्शा जब्त कर अन्य व्यक्ति से किराये पर चलाना शुरू कर दिया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए आयुक्त ने डीलर को तलब किया। जांच में सामने आया कि डीलर के पास 30-35 ई-रिक्शा की आर.सी. पड़ी हैं, लेकिन वाहन शहर में संचालित हो रहे हैं। इस पर आयुक्त ने आरटीओ को निर्देश दिए कि सभी ई-रिक्शा डीलरों की जांच की जाए और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई हो।
साथ ही उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा केवल सवारियों के लिए बने हैं, जबकि इन्हें माल ढुलाई के लिए चलाया जा रहा है। ऐसे वाहनों को सीज करने के भी निर्देश दिए गए।
आरटीओ ने बताया कि अधिकांश ई-रिक्शा चालक बिना स्पेशल ई-रिक्शा डीएल के वाहन चला रहे हैं। इस पर आयुक्त ने शहर में सघन चेकिंग अभियान चलाने और नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए।
लोन और लैंडफ्रॉड मामले पर सख्ती
जनसुनवाई में भागीरथी जोशी ने शिकायत की कि छड़ायल स्थित उनके भवन के एवज में भुवन जोशी ने बैंक से मिलीभगत कर लोन ले लिया, लेकिन किश्तें जमा नहीं कीं। बैंक ने नोटिस जारी कर दिया है। आयुक्त ने मामले को गंभीर मानते हुए बैंक अधिकारियों और सभी पक्षों को तलब कर स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्धारित समयसीमा में लोन जमा न करने पर आरोपी पर लैंडफ्रॉड एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया जाए।
अन्य शिकायतें और ज्योति मेर हत्याकांड
जनसुनवाई में लालकुआं से दाखिल-खारिज न होने, भुजियाघाट के होटल में वेतन न मिलने, रामनगर से झूठे मुकदमे में फंसाने और काशीपुर से जमीन की धोखाधड़ी जैसी शिकायतें भी सामने आईं।
वहीं, ज्योति मेर हत्याकांड को लेकर पीड़िता की माँ व पहाड़ी आर्मी के लोगों ने एसआईटी जांच हेतु मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी आयुक्त को सौंपा।
मौके पर समाधान
अधिकांश शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया। आयुक्त ने भरोसा दिलाया कि जनहित के हर मामले में सख्त और पारदर्शी कार्रवाई की जाएगी।

