देहरादून- दो माह से वेतन न मिलने पर फूटा रोडवेज कर्मचारियों का गुस्सा, 9 सितंबर से प्रदेशव्यापी कार्यबहिष्कार की चेतावनी


देहरादून न्यूज़– उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों का सब्र आखिरकार टूट गया है। पिछले दो माह से वेतन न मिलने से आक्रोशित कर्मचारियों ने मंगलवार को देहरादून आइएसबीटी और ट्रांसपोर्ट नगर कार्यशाला में जोरदार हंगामा किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों का घेराव कर नारेबाजी की और प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया।
कर्मचारियों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि 8 सितंबर तक वेतन भुगतान नहीं हुआ तो 9 सितंबर से प्रदेशव्यापी कार्यबहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा। ऐसे में पूरे प्रदेश में रोडवेज बसों का संचालन ठप पड़ सकता है।
—
निगम पर चढ़ा 100 करोड़ का बोझ
परिवहन निगम इस वित्तीय वर्ष में पहले से ही 100 करोड़ रुपये से अधिक के घाटे में है। हालत यह है कि कर्मचारियों को जुलाई और अगस्त माह का वेतन अब तक नहीं मिला है, जबकि जून माह का वेतन भी अगस्त के पहले पखवाड़े में दिया गया था।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों के देयकों का भुगतान पिछले 6 माह से अटका हुआ है।
अनुबंधित बस ऑपरेटरों का भुगतान तीन माह से लंबित है।
कर्मचारी बचत ऋण समितियों का मार्च से भुगतान नहीं हुआ है, जिसकी राशि 18 करोड़ रुपये है।
वेतन का बकाया 42 करोड़ और सेवानिवृत्त कर्मचारियों का लगभग 30 करोड़ रुपये है।
वहीं, इंडियन ऑयल को डीजल का करीब 11 करोड़ रुपये बकाया है। अगर यह भुगतान नहीं हुआ तो कंपनी डीजल सप्लाई रोक सकती है, जिससे बस संचालन पूरी तरह बंद होने की नौबत आ सकती है।
अधिकारियों का घेराव, काली पट्टी बांधकर विरोध
आक्रोशित कर्मचारियों ने मंगलवार को ट्रांसपोर्ट नगर कार्यशाला में निरीक्षण को पहुंचे डीजीएम तकनीकी भूपेश कुशवाह और एजीएम वित्त राजीव गुप्ता का घेराव कर विरोध जताया। इसी तरह आइएसबीटी पर यूनियन से जुड़े कर्मचारियों ने एजीएम ग्रामीण डिपो प्रतीक जैन का घेराव किया।
रोडवेज कर्मचारी यूनियन, संयुक्त परिषद और उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक वेतन भुगतान नहीं होता, तब तक आंदोलन और तेज किया जाएगा। कई मंडलों के कर्मचारी काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं।
सभी यूनियनों से समर्थन की अपील
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने नौ सितंबर से प्रस्तावित कार्यबहिष्कार को सफल बनाने के लिए देहरादून, हल्द्वानी और टनकपुर मंडलों से सभी यूनियनों के पदाधिकारियों को पत्र भेजकर समर्थन मांगा है।
कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार और निगम प्रबंधन ने जल्द कदम नहीं उठाए तो प्रदेश में रोडवेज बसें पूरी तरह से ठप हो जाएंगी, जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा।

