उत्तराखण्डकुमाऊं,गढ़वाल,

बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग तेज़, पूर्व सैनिक संगठन और वन अधिकार समिति ने सौंपा ज्ञापन

  • बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग तेज़, पूर्व सैनिक संगठन और वन अधिकार समिति ने सौंपा ज्ञापन

देहरादून न्यूज़- लालकुआं क्षेत्र के बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की अधिसूचना बीते एक वर्ष से लंबित है। इसी विषय में सोमवार को पूर्व सैनिक संगठन और वन अधिकार समिति, बिंदुखत्ता के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) समीर सिन्हा (IFS) से भेंट कर ज्ञापन सौंपा।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड- यहां प्रोफेसर को शराब पीकर कॉलेज आना पड़ा महंगा, हुई ये कार्यवाही

 

 

प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया कि वन विभाग में एक वर्ष से लंबित पत्रावली को शीघ्र राजस्व विभाग को प्रेषित किया जाए, जिससे बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम का दर्जा देने की प्रक्रिया आगे बढ़ सके।

 

 

प्रतिनिधियों ने इस दौरान जनजाति मंत्रालय, मुख्य सचिव और विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए पत्राचार की प्रतियां भी सौंपीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वन अधिकार अधिनियम की धारा 4.7 के अनुसार, किसी वन ग्राम या पुरानी बसासत को राजस्व ग्राम घोषित करने के लिए वन भूमि को अनारक्षित करना आवश्यक नहीं है। इसके बावजूद राजस्व अनुभाग ने प्रावधानों के विरुद्ध पत्रावली को वन विभाग भेज दिया था, जो अब तक लंबित है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड-( बड़ी खबर) प्रेम प्रसंग के चलते पत्नी ने अपने पति की करा दी हत्या

 

 

प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा ने प्रतिनिधिमंडल से विस्तार से चर्चा करते हुए आश्वासन दिया कि पत्रावली पर एक सप्ताह के भीतर यथोचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने का एकमात्र रास्ता वन अधिकार अधिनियम है।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून-(बड़ी खबर) राज्य में इतने पदों में जल्द होगी होमगार्ड की बंपर भर्ती, भर्ती में नही होगी लिखित परीक्षा, पढ़े पूरी खबर।

 

 

प्रतिनिधिमंडल में कैप्टन खिलाफ सिंह दानू, कैप्टन प्रताप सिंह बिष्ट, कैप्टन इंद्र सिंह पनेरी, उमेश भट्ट और बसंत पांडे शामिल रहे। प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को मुख्यमंत्री के विशेष सचिव और वरिष्ठ IFS अधिकारी पराग मधुकर धकाते से भी मुलाकात करेगा।