उत्तराखण्डगढ़वाल,

एक-एक पाई की होगी वसूली, प्रदेश में दंगाइयों लगाम लगाने वाले बिल को राजभवन की मंजूरी

उत्तराखंड में सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले दंगाइयों पर शिकंजा कसने वाले उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2024 को गुरुवार को राजभवन ने मंजूरी दे दी।

यह विधेयक गैरसैंण में हुए मॉनसून सत्र के दौरान 23 अगस्त को पास हुआ था। विधायी विभाग से औपचारिक नोटिफिकेशन के बाद यह कानून का रूप ले लेगा। इसके साथ ही गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (रिटायर्ड) ने विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़ाने से जुड़े उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध संशोधन विधेयक 2024 को भी स्वीकृति दे दी।

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राजभवन के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल की विधिवत मंजूरी के बाद विधेयकों को विधायी विभाग भेज दिया गया है। इन दो विधेयकों के साथ ही उत्तराखंड (उप्र जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) विधेयक 2024 को भी स्वीकृति दी गई है। अनुपूरक बजट को पहले ही अनुमोदन मिल गया था।

मालूम हो कि प्रदेश में उपद्रव फैलाने और सरकारी-निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर कड़ी कार्रवाई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कानून बनाने की घोषणा की थी। पहले इसे मार्च 2024 को अध्यादेश के रूप में लागू किया गया था। फिर अगस्त में गैरसैंण में मॉनसून सत्र में इसे विधिवत विधेयक के रूप में पारित कराया गया।

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सरकारी-निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्तियों से पूरी संपत्ति के नुकसान की वसूली की जाएगी। इसमें सजा का प्रावधान भी किया गया है। एक रिटायर्ड जिला जज की अध्यक्षता में स्वतंत्र ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। इस ट्रिब्यूनल को सिविल कोर्ट के समान शक्तियां होंगी। संपत्ति का नुकसान होने की दशा में तीन महीने के भीतर ट्रिब्यूनल में अपील करनी होगी।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ”उत्तराखंड लोक (सरकारी) तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (अध्यादेश) कानून 2024 को मंजूरी प्रदान करने पर राज्यपाल का हार्दिक आभार। इस कानून के तहत, दंगाइयों से सरकारी और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी।”