हल्दूचौड़ में हाथियों का कहर, घनी आबादी में घुसपैठ से दहशत, पूर्व मंत्री दुर्गापाल बोले- वन्यजीवों की आवाजाही बेहद संवेदनशील, ठोस कार्यवाही जरूरी

लालकुआँ न्यूज़– हल्दूचौड़ क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। तराई केंद्रीय वन प्रभाग के भानदेव नवाड़, राधा बंगर, हरिपुर बच्ची, कृष्णा नवाड़, गंगापुर कबड़वाल सहित आसपास के इलाकों में हाथियों की लगातार आवाजाही से ग्रामीण भयभीत हैं।
हाथी तराई केंद्रीय वन प्रभाग से निकलकर तराई पूर्वी वन प्रभाग के ग्रामसभा दुम्का बंगर बच्चीधर्मा क्षेत्र स्थित गोपीपुरम जैसी घनी रिहायशी कॉलोनियों तक पहुंच रहे हैं, जिससे स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है।
शनिवार तड़के करीब पांच बजे पेशकारपुर गांव में हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया। उग्र हाथियों ने रिहायशी क्षेत्र में रहने वाले किसान एन.डी. शर्मा समेत कई किसानों की फसलों को रौंद डाला और उनके घर की दीवार तोड़ दी। अचानक हुई इस घटना से पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों का कहना है कि हाथी इतने आक्रामक थे कि लोगों को देखते ही उनकी ओर दौड़ पड़ते थे, जिससे जान-माल का गंभीर खतरा बना रहा।
घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल व ग्राम प्रधान इंदर सिंह बिष्ट ने स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद पूर्व मंत्री दुर्गापाल ने डीएफओ तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी हिमांशु बांगरी से दूरभाष पर वार्ता कर कहा कि घनी आबादी के बीच वन्यजीवों की आवाजाही बेहद संवेदनशील है। यदि इस पर प्रभावी और ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने हाथियों के आतंक से निजात दिलाने के लिए तत्काल ठोस कार्ययोजना लागू करने तथा हुए नुकसान का आकलन कर शीघ्र मुआवजा देने की मांग की।
बॉक्स
पूर्व में ग्राम प्रधान रुक्मणी नेगी, रमेश जोशी, ललित सनवाल व पूजा बिष्ट सहित विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने फसलों के नुकसान और पालतू पशुओं पर हमलों से त्रस्त ग्रामीणों के साथ जिलाधिकारी नैनीताल को ज्ञापन सौंपकर स्थायी समाधान की मांग की है। ग्रामीणों ने क्षेत्र में नियमित गश्त बढ़ाने, हाथियों को आबादी से दूर रखने के लिए प्रभावी इंतजाम करने और शीघ्र मुआवजा देने की मांग की है। चेतावनी दी गई है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।







