उत्तराखण्डकुमाऊं,गढ़वाल,

उत्तराखण्ड सरकार ने स्थानांतरण अधिनियम, 2017 के प्राविधानों के अनुपालन पर दिया जोर

देहरादून न्यूज़- राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम, 2017 के प्राविधानों के पूर्ण अनुपालन के निर्देश दिए हैं। इस अधिनियम का उद्देश्य राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों के स्थानांतरण में एक उचित, निष्पक्ष, वस्तुनिष्ठ तथा पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करना है।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी – (बड़ी खबर) गौला से उपखनिज की निकासी को लेकर कुमाऊं कमिश्नर हुए गंभीर, दिए ये निर्देश

 

 

अधिनियम के तहत वार्षिक स्थानांतरण नीति को सुव्यवस्थित करते हुए यह प्रावधान किया गया है कि किसी भी कार्मिक का स्थानांतरण तय प्रक्रिया एवं निर्धारित मापदंडों के अनुरूप ही किया जाएगा। शासन ने संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्तर पर इस अधिनियम का उल्लंघन न हो।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी- दिवाली से पहले एसएसपी का बड़ा फैसला, दो दरोगा समेत सात पुलिसकर्मियों को किया बहाल, जानें वजह

 

 

सूत्रों के अनुसार, कार्मिक विभाग ने सभी विभागाध्यक्षों को अधिनियम की धाराओं का पालन करते हुए स्थानांतरण प्रस्ताव तैयार करने और उसकी स्वीकृति से पूर्व सभी औपचारिकताओं का संज्ञान लेने को कहा है। शासन का मानना है कि इससे पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन को बल मिलेगा।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में जल्द होगी 2000 अग्निवीरों की भर्ती, 4500 कर चुके भारतीय सेना ज्वाइन,हर जिले में लगेंगे कैंप

 

 

अधिकारियों का कहना है कि अधिनियम के सही अनुपालन से मनमाने स्थानांतरण पर रोक लगेगी और कर्मचारियों में कार्य के प्रति उत्साह और विश्वास बढ़ेगा।