हरिद्वार- यहाँ दाखिल खारिज के बदले रिश्वत मांग रहा था लिपिक, विजिलेंस ने पकड़ा; संपत्ति की जांच शुरू

हरिद्वार न्यूज़- उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत एक और सरकारी कर्मचारी पर शिकंजा कसा है। सहायक चकबन्दी अधिकारी कार्यालय, मंगलौर (हरिद्वार) में तैनात लिपिक विनोद कुमार को ₹2,100 की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
पीड़ित शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने अपनी बुआ से खरीदे प्लॉट की दाखिलाखारिज (नामांतरण) के लिए आवेदन किया था। लेकिन लिपिक विनोद कुमार जानबूझकर फाइल में देरी कर रहा था और इसके बदले रिश्वत की मांग कर रहा था।
शिकायत पर तेजी से कार्रवाई करते हुए विजिलेंस विभाग ने एक टीम बनाकर जाल बिछाया और लिपिक को ₹2,100 की रिश्वत लेते हुए मौके पर ही पकड़ लिया।
🔍 तलाशी और संपत्ति जांच भी शुरू:
गिरफ्तारी के तुरंत बाद विजिलेंस टीम ने विनोद कुमार के आवास और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान कई दस्तावेजों और सामग्रियों को जब्त किया गया है। टीम ने आरोपी की चल–अचल संपत्तियों के स्रोत और वैधता की जांच भी शुरू कर दी है। पूछताछ जारी है और आय से अधिक संपत्ति के कोण से भी जांच की जा रही है।
विजिलेंस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित) के तहत केस दर्ज किया है। उसे न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की प्रक्रिया चल रही है।
📣 जनता की प्रतिक्रिया:
स्थानीय लोगों और आम नागरिकों ने विजिलेंस की इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है, ताकि सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और विश्वास बना रहे।
