उत्तराखण्डउधम सिंह नगरकुमाऊं,
उत्तराखंड- यहाँ कई मकानों को प्रशासन ने बुलडोजर से किया ध्वस्त, बिलखने लगे बच्चे, सोते नौनिहालों को लेकर भागे मां-बाप

- आईएसबीटी टर्मिनल के निर्माण में बाधा बन रहे पक्के अतिक्रमण पर गरजा बुलडोजर
- अतिक्रमण के कारण रुद्रपुर में रुका पड़ा था आईएसबीटी टर्मिनल का निर्माण
- छह परिवारों के स्वयं भवन खाली करने पर सामान निकालने की दी मोहलत
रुद्रपुर न्यूज- रोडवेज बस स्टेशन में निर्माणाधीन आईएसबीटी टर्मिनल के निर्माण में बाधा बन रहे अतिक्रमण के विरुद्ध प्रशासन ने अभियान छेड़ दिया है। रोडवेज डिपो के फोरमैन आवास पर वर्षों से अवैध रूप से कब्जा कर बैठे अतिक्रमणकारियों को हटा दिया। करीब पांच पक्के भवनों को बुलडोजर से ध्वस्त कर डाला। इस दौरान छह परिवारों के स्वयं भवन खाली करने पर उन्हें सामान निकालने की मोहलत दे दी।
एआरएम ने बताया कि अतिक्रमणकारियों के न्यायालय में वाद दायर करने आईएसबीटी टर्मिनल का निर्माण नहीं हो पाया था। न्यायालय ने अतिक्रमणकारियों के वाद को खारिज कर दिया है। अब अतिक्रमण हटाकर निर्माण कार्य दोबारा शुरू कराया जाएगा।
तीन मार्च को उत्तराखंड परिवहन निगम के सहायक महाप्रबंधक केएस राणा ने फोरमैन आवास पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर पक्के भवन बनाकर रह रहे 11 परिवारों को नोटिस जारी किए थे। जिसमें 18 मार्च तक अतिक्रमण हटाने की मोहलत दी गई थी। लेकिन इन परिवारों ने भवन खाली नहीं किए। इस पर मंगलवार को निगम के जीएम पवन मेहरा, डीजीएम तकनीकी भूपेश कुशवाहा, टीकाराम व आरएम पूजा जोशी व भूमि भवन देहरादून के अभियंता पीके दीक्षित लाव-लश्कर के साथ फोरमैन आवास पहुंचे।

यहां उन्होंने तहसीलदार दिनेश कुटौला व कोतवाल मनोज रतूड़ी समेत भारी पुलिस बल के साथ अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाया। इससे वहां रहने वाले परिवारों में हड़कंप मच गया। भवनों में सोए बच्चे व महिलाएं रोने लगे। तहसीलदार कुटौला ने इन परिवारों को तत्काल भवन खाली करने को कहा। इस पर परिवार अपने-अपने भवनों को खाली करने के लिए सामान निकालने में जुट गए। दोपहर से शाम पांच बजे तक प्रशासनिक अमले ने लोडर से बेला देवी, देवेंद्र कौर, अतुल कुमार व सुक्खी लाल के भवन समेत पांच भवनों को ध्वस्त कर दिया। जबकि छह परिवारों के स्वयं भवनों को खाली करने पर उनके सामान निकालने तक की मोहलत मांगने पर उन्हें मोहलत दे दी गई।
सहायक महाप्रबंधक राणा ने बताया कि न्यायालय ने अतिक्रमणकारियों के वाद को परिवहन निगम के पक्ष में खारिज कर दिया। इस पर इन सभी अतिक्रमणकारियों को 15 दिन के भीतर फोरमैन आवास के भवनों को खाली करने की मोहलत देते हुए नोटिस जारी किए गए थे। बताया कि आईएसबीटी टर्मिनल का निर्माण शुरू हो चुका है। किसी भी हाल अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा।
इधर, लोक निर्माण विभाग ने भी 47 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर स्वयं अतिक्रमण हटाने की हिदायत दी है। इससे अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
फोरमैन आवास के भवनों पर अवैध रूप से कब्जा कर रह रहे परिवार घर टूटते देख रोते रहे। उन्होंने प्रशासन से विस्थापन की मांग की। कहा कि ऐसे अचानक भवनों को ध्वस्त कर दिया जाएगा तो वह कहां रहेंगे। हटाए जा रहे परिवारों को विस्थापित किया जाए। आसपास के व्यापारी भी मेयर को ज्ञापन देकर विस्थापित करने की मांग कर चुके हैं।

भारी पुलिस फोर्स के साथ परिवहन निगम की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची तो परिवारों की महिलाएं सहम गईं। एआरएम केएस राणा ने अपनी विभागीय टीम को बिजली के मीटरों से संयोजन काटने और हथोड़ों से दीवार ढहाने का आदेश दिया। जैसे ही वर्कशॉप की तरफ से कर्मचारियों ने हथौड़े चलाए तो घरों में चीख-पुकार मच गई। महिलाएं हाथ जोड़ने लगीं और कमरों से सोए बच्चे भी रोते हुए निकले। कई बच्चों को सोते से ही परिवार के लोग उठाकर बाहर को भागने लगे। तहसीलदार ने कर्मचारियों को सामान हटाने तक दीवार न तोड़ने को कहा, तब जाकर लोग शांत हुए और सामान निकालने में जुट गए।
