उत्तराखंड का लाल सरहद पर हुआ शहीद
आसाम राइफल में तैनात रुद्रप्रयाग में अगस्त्यमुनि ब्लॉक के फलई गांव निवासी व शिलांग में तैनात रहे हवलदार 42 वर्षीय जवान कुलदीप सिंह भंडारी ऑपरेशन ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। वह अपने पीछे बूढ़ी मां, पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं। शनिवार देर शाम को शहीद का पार्थिव शव सेना के हेलीकॉप्टर के देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंच गया है। रविवार को विजयनगर में मंदाकिनी नदी किनारे पैतृक घाट पर शहीद की सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की जाएगी।
हवलदार कुलदीप भंडारी पिछले कुछ समय से शिलांग में तैनात थे।
शुक्रवार को सेना जवान कहीं किसी ऑपरेशन पर जा रहे थे। इस दौरान जवान कुलदीप भंडारी शहीद हो गए। घटना कैसे हुई और कहां से हमला हुआ, इसे लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है। इधर, फलई के ग्राम प्रधान विजयपाल सिंह राणा ने बताया कि घटना के बारे में उन्हें बीते शुक्रवार दोपहर बाद सूचना मिली थी। लेकिन पुष्टि नहीं हो पाई। आज, शनिवार सेना के कार्यालय से फोन कर घटना के बारे में बताया और देर शाम तक सेना के हेलीकॉप्टर से सैनिक के पार्थिव शव को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचाने की बात कही गई। इसके बाद ही देर शाम को सैनिक के परिजनों को घटना के बारे में अवगत कराया गया, जिसके बाद से वहां मातम पसरा हुआ है।
घटना के कारणों की पूरी जानकारी पार्थिव शरीर के साथ सैन्य अधिकारियों के यहां पहुंचने के बाद ही मिल पाएगी। शहीद अपने पीछे बूढ़ी मां, पत्नी, 15 वर्षीय पुत्र आयुष व 18 वर्षीय पुत्री ईशा को छोड़ गए हैं। जबकि पिता हुकुम सिंह भंडारी का करीब डेढ़ पूर्व निधन हो चुका है। इधर, विधायक शैलारानी रावत, विधायक भरत सिंह चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, पूर्व विधायक मनोज रावत ने घटना पर दुख प्रकट किया है।
ग्राम प्रधान विजयपाल सिंह राणा ने बताया कि 35-असम रायफल के जवान कुलदीप सिंह भंडारी बीते डेढ़ माह पूर्व छुट्टी पर घर आए थे। बताया कि वह काफी हंसमुख थे। वह, गांव में होने वाले सामाजिक कार्यों में भी खूब उत्साह से भाग लेते थे।