नैनीताल: पूर्व कुलपति प्रो. बीना साह बनीं डिजिटल अरेस्ट ठगी की शिकार, साइबर ठगों ने उड़ाए 1.47 करोड़


नैनीताल न्यूज़– मल्लीताल निवासी 73 वर्षीय बुजुर्ग महिला और पूर्व कुलपति प्रो. बीना साह साइबर अपराधियों के डिजिटल अरेस्ट के जाल में फंसकर 1.47 करोड़ रुपये गंवा बैठीं। ठगों ने खुद को आरबीआई और महाराष्ट्र पुलिस का अधिकारी बताकर महिला को हवाला लेनदेन के आरोप में फर्जी “डिजिटल अरेस्ट” की धमकी दी और जीवनभर की पूंजी ठगा ली।
दस दिन तक चलता रहा डिजिटल अरेस्ट
14 अगस्त को महिला को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को आरबीआई का वरिष्ठ अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके बैंक खाते में 7–8 करोड़ रुपये हवाला के जरिए आए हैं। इसके बाद वीडियो कॉल पर खुद को महाराष्ट्र पुलिस का अधिकारी बताकर महिला को “डिजिटल अरेस्ट” कर लिया गया। डर के कारण महिला ने किसी को भी इसकी जानकारी नहीं दी।
ठगों ने महिला को समझाया कि बैंक खातों की जांच के लिए उनकी सारी रकम दिए गए खातों में ट्रांसफर करनी होगी। जांच पूरी होने के बाद रकम वापस कर दी जाएगी। ठगों के दबाव में महिला ने दस दिन तक तीन अलग-अलग खातों से रकम ठगों के पांच खातों में डलवाई।
बैंक कर्मियों को घर बुलाकर करवाई ट्रांजैक्शन
बुजुर्ग होने के कारण महिला खुद बैंक नहीं गई, बल्कि बैंक कर्मियों को घर बुलाकर रकम ट्रांसफर करवाई। जब मुंबई के खातों में इतनी बड़ी रकम भेजने पर बैंक कर्मचारियों को शक हुआ तो महिला ने घर खरीदने की बात कही। कर्मचारियों ने ज्यादा पूछताछ नहीं की और दस दिनों में 1.47 करोड़ रुपये ट्रांसफर हो गए।
रिश्तेदारों ने दिलाया ठगी का एहसास
लगातार रकम ट्रांसफर होते देख एक बैंक कर्मचारी को शक हुआ और उसने महिला के रिश्तेदारों को जानकारी दी। रिश्तेदारों में पूर्व बैंककर्मी ने स्पष्ट किया कि ऐसी किसी भी जांच की बैंकिंग व्यवस्था में कोई प्रक्रिया नहीं होती। इसके बाद महिला को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने तुरंत कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई।
कोतवाली पुलिस ने मामला साइबर थाना भेजते हुए 1930 हेल्पलाइन पर खाते होल्ड करवा दिए हैं। साइबर थाना प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
20 लाख की मांग से बचीं
शिकायत दर्ज कराने के दिन भी ठग महिला से 20 लाख रुपये और मांग रहे थे। रिश्तेदारों की सलाह पर महिला ने बारिश का बहाना बनाकर बैंक न जाने की बात कही। देर शाम तक ठग महिला को फोन कर रकम की मांग करते रहे।
साइबर ठगी का बढ़ता खतरा
नैनीताल में यह अब तक का सबसे बड़ा साइबर फ्रॉड माना जा रहा है। इससे पहले भी कुमाऊं विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 45 लाख रुपये ठगे गए थे। साइबर पुलिस 12 लाख रुपये वापस लाने में सफल रही थी।
साइबर थाना प्रभारी का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराध अक्सर भारत से बाहर बैठकर किए जाते हैं, लेकिन इसमें भारतीय फोन नंबर और बैंक खातों का इस्तेमाल होता है। ऐसे मामलों से बचने का एकमात्र उपाय जागरूकता है।

