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उत्तराखंड में सरकारी टीचरों के लिए आया नया फरमान, 50 घंटे का डिजिटल प्रशिक्षण अनिवार्य नहीं तो होगा ऐक्शन

उत्तराखंड के 60 हजार से ज्यादा प्रधानाचार्य, हेडमास्टर और शिक्षकों को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से 50 घंटे का ऑनलाइन प्रशिक्षण करना होगा। इसमें 10 घंटे का इन्फॉर्मेशन कम्युनिकेशन टैक्नोलाजी का 10 घंटे का प्रशिक्षण प्रत्येक शिक्षक को हर हाल में 31 मार्च 2025 तक पूरा करना है।

समय पर कोर्स पूरा न करने वालों की वार्षिक गोपनीय आख्या में इसे दर्ज किया जाएगा।

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अपर निदेशक-एससीईआरटी प्रदीप कुमार रावत ने सभी निदेशक, अपर निदेशक से लेकिर सभी सीईओ को इसके आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी शिक्षकों को 50 घंटे के सतत व्यावसायिक विकास-सीपीडी की संस्तुति की गई है। एससीईआरटी ने ई-सृजन ऐप के जरिए मूक्स  (एमओटोसी) तैयार किया है। इसकी मदद से शिक्षा तकनीकी रूप से दक्ष हो सकेंगे। साथ ही स्कूल में पढ़ाई कराते वक्त अपने विषयों में आधुनिक तकनीकी को भी शामिल कर सकेंगे।

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उन्होंने बताया कि कोर्स को पूरा करने के लिए 31 मार्च 2025 तक का वक्त दिया जा रहा है। हर सभी कार्यालयों के एचओडी और स्कूल के प्रधानाध्यापक-प्रधानाचार्य की इसके लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। उन्हें उनके अधीनस्थों द्वारा कोर्स पूरा कर लेने का प्रमाणपत्र भी जारी करना होगा।

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एससीईआरटी अपर निदेशक प्रदीप कुमार रावत ने बताया कि शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाने के लिए शिक्षकों का आधुनिक तकनीकी में दक्ष होना जरूरी है। एससीईआरटी ने इसके लिए कई विषयों पर सरल और प्रभावी टूल तैयार किए हैं। यह 50 घंटे कोर्स सभी के लिए अनिवार्य है। इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा।