देहरादून- राज्य में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के आदेश, सरस्वती शिशु मंदिर को दिखाया अल्पसंख्यक संस्थान

देहरादून/रुद्रपुर– उत्तराखंड में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे राज्य में जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर दर्ज आवेदकों की जानकारी संदेह के घेरे में है और इसकी गहन जांच की जाएगी।
इस प्रकरण में उधमसिंह नगर जिले के किच्छा स्थित सरस्वती शिशु मंदिर हाईस्कूल को अल्पसंख्यक विद्यालय दर्शाकर छात्रवृत्ति लेने का मामला सामने आया है। खास बात यह है कि इस स्कूल का नाम आमतौर पर एक हिंदू संगठन से जुड़ा माना जाता है, लेकिन पोर्टल पर इसे अल्पसंख्यक संस्थान बताकर 154 छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति ली गई। विद्यालय के प्रबंधक का नाम मोहम्मद शारिक अतीक दर्ज किया गया है।
मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए गुरुवार को जांच के आदेश जारी किए। उन्होंने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते को जांच सौंपी है। उन्हें दो सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
यह है पूरा मामला:
वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर दर्ज किए गए 796 छात्रों की जानकारी की जब जांच की गई, तो उनमें से 456 छात्रों के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए। यह छात्र छह मदरसों और अन्य निजी संस्थानों में पढ़ते बताए गए थे। इस जांच के दौरान अधिकारियों को तब हैरानी हुई जब उन्होंने देखा कि सूची में सरस्वती शिशु मंदिर हाईस्कूल, किच्छा का भी नाम है।
इस मामले में यूएसनगर की जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नंदिनी सिंह को भी अलग से जांच का निर्देश दिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “राज्य सरकार छात्रवृत्ति जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं में किसी भी तरह के फर्जीवाड़े को बर्दाश्त नहीं करेगी। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
राज्य स्तर पर यह जांच अब अन्य जिलों तक भी फैलाई जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वास्तविक पात्र विद्यार्थियों को ही योजना का लाभ मिले और किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा न हो सके।
