सरकार की नंदा सुनंदा योजना से मुफ्त में संवरेगा भविष्य, निर्धन-असहाय और अनाथ बेटियों के सपने भरेंगे उड़ान
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- अब निर्धन, अनाथ, असहाय छात्राएं स्नातक एवं कौशल शिक्षा की पढ़ाई कर सकेंगे निश्शुल्क
- प्रशासन ने अभ्यर्थियों के चयन के लिए बनाई बहुविषयक समिति, आवेदन प्राप्त के बाद सर्वे को टीम गठित
देहरादून न्यूज़- अब 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद निर्धन, असहाय, अनाथ छात्राएं आगे की पढ़ाई आसानी से कर सकेंगी। जिलाधिकारी सविन बंसल ने नंदा- सुनंदा योजना की शुरुआत कर जरूरतमंदों के लिए निश्शुल्क स्नातक एवं कौशल शिक्षा में दाखिले के द्वार खोल दिए हैं।
प्रशासन ने अभ्यर्थियों के चयन के लिए बहुविषयक समिति का गठन किया है। जनता दरबार एवं बहुद्देशीय शिविर के माध्यम से चयन प्रक्रिया की जाएगी। जिससे योजना की पात्रता में असली हकदार शामिल हो सके। जिस शिक्षण संस्थान में छात्रा का दाखिला किया जाएगा। धनराशि शिक्षण संस्थान के खाते में डाली जाएगी। हर सप्ताह जरूरतमंद का चयन किया जाएगा।
ऋषिपर्णा सभागार में जिलाधिकारी सविन बंसल ने नंदा सुनंदा योजना की शुरुआत की। पहले दिन आठ अभ्यर्थियों को 2,44,731 की धनराशि चैक से वितरण की गई।
जिसमें श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में बीएससी (योग साइंस) की पढ़ाई कर रही अनाथ रोशनी को 28,975 की धनराशि, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान में स्नातक की पढ़ाई कर रही रोनक को 25,000, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से 12 वीं में अध्ययनरत शशांक एवं अकांक्षा को 15000-15000, उत्तरांचल विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही मानसी साहू को 52,500, मोथरोवाला क्षेत्र की रहने वाली मीना एवं पूजा को कौशल शिक्षा के लिए 50,000, उत्तरांचल विश्वविद्यालय में होटल मैनेजमेंट का कार्स कर रहे विधि को 58,256 की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में दी गई।
इस मौके पर उपजिलाधिकारी न्यायिक कुमकुम जोशी, डीपीओ जितेन्द्र कुमार, समाज कल्याण अधिकारी पूनम चमोली, प्रशासनिक अधिकारी कपिल कुमार आदि मौजूद रहे।
प्रशासन को जरूरतमंद के आवेदन मिलने के बाद बहुविषयक समिति धरातल पर सर्वे करेगी। जिसमें जिला प्रोबेशन अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अभ्यर्थियों की सर्वे रिपोर्ट समिति को सौंपेगी। जिसके बाद जनता दरबार एवं बहुद्देशीय शिविर के माध्यम से चयन किया जाएगा।
नैनीताल जिले के जिलाधिकारी रहते हुए संविन बंसल ने नंदा-सुनंदा योजना की शुरुआत की। उन्होंने 60 बालिकाओं को शैक्षणिक विकास में समृद्ध, सशक्त, सुदृढ़ बनाकर भविष्य को संवारने का काम किया। उन्होंने देहरादून में भी योजनाओं की शुरुआत कर जरूरतमंदों के लिए भविष्य की उम्मीद जगाने का काम किया।
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