उत्तराखंड के बेरोजगारों के पास 4100 से अधिक पदों पर भर्ती का मौका! कस लें कमर, कैबिनेट लगा सकती है मुहर
- बीआरपी-सीआरपी के 955 पदों पर लंबे समय से लटकी है भर्ती
- चतुर्थ श्रेणी के 2500 पदों के लिए एजेंसी का चयन ई-टेंडरिंग से होगा
- प्रधानाचार्य के रिक्त 692 पदों पर सीधी भर्ती को बदले जाएंगे नियम
देहरादून न्यूज़- प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में ब्लाक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) और क्लस्टर रिसोर्स पर्सन (सीआरपी), प्रधानाचार्य से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रिक्त 4100 से अधिक पदों पर भर्ती लंबे समय से लटकी है।
एक अप्रैल से प्रारंभ होने वाले नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत में इन पदों पर भर्ती करने के लिए शिक्षा विभाग की नजरें मंत्रिमंडल पर टिकी हैं। अलग-अलग होने वाली इन भर्तियों में आ रही बाधाएं दूर करने के संबंध में प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल को निर्णय लेना है।
प्रदेश के राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बीआरपी और सीआरपी के रिक्त 955 पदों पर भर्ती वर्षों से लंबित है। प्रदेश सरकार ने इन पदों पर चयन आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से करने का निर्णय लिया था। इसके लिए रोजगार पोर्टल प्रयाग का चयन किया गया, लेकिन पोर्टल के साथ मेरिट के आधार पर चयन को लेकर तकनीकी कठिनाई खड़ी हो गई।
बीआरपी व सीआरपी के कुल पदों में से 10 प्रतिशत पद पर सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी मौका दिया जा रहा है। 955 पदों के लिए हजारों आवेदन विभाग को मिले। ऐसे में चयन प्रक्रिया को संशोधित करने की आवश्यकता महसूस की गई।
चयन की प्रक्रिया मेरिट के आधार पर करने के प्रस्ताव पर वित्त विभाग की स्वीकृति मिल चुकी है। इस संबंध में संशोधित प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल की स्वीकृति ली जाएगी। इसके बाद भर्ती का रास्ता साफ हो सकेगा।
उधर, चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आउटसोर्स एजेंसी के चयन में आ रही समस्या शीघ्र निस्तारित हो सकेगी। राजकीय विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आवश्यकता को देखते हुए लगभग 2500 पद सृजित किए गए। चतुर्थ श्रेणी का पद मृत संवर्ग घोषित होने से इन पदों को समाप्त कर दिया गया था।
अब ये पद आउटसोर्सिंग से भरे जाएंगे। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की तैनाती के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी के चयन की बाधा दूर करने के लिए ई-टेंडरिंग को वित्त विभाग सहमति दे चुका है। इन कार्मिकों का मानदेय 20 हजार रुपये प्रतिमाह करने के प्रस्ताव को भी वित्त की स्वीकृति प्राप्त है। इस बारे में विभागीय प्रस्ताव को अब राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाएगा।
इससे पहले आउटसोर्स एजेंसी के चयन के लिए जेम (गवर्नमेंट ई-मार्केटिंग) पोर्टल पर प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी। लगभग 78 एजेंसियों ने आवेदन किया था, लेकिन एक भी एजेंसी विभाग के मानकों पर खरा नहीं उतरी। जेम पोर्टल से एजेंसी के चयन में कठिनाइयों को देखते हुए शिक्षा विभाग को ई-टेंडरिंग से आउटसोर्स एजेंसी के चयन पर विचार करना पड़ रहा है।
इसी प्रकार, राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के रिक्त 692 पदों पर सीधी भर्ती परीक्षा शिक्षकों के विरोध के कारण स्थगित की गई थी। प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को शत-प्रतिशत पदोन्नति से भरने में हो रही दिक्कत के दृष्टिगत सरकार ने 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से करने के लिए नियमावली को स्वीकृति दी।
राज्य लोक सेवा आयोग ने इन पदों पर भर्ती के लिए 29 सितंबर, 2024 को हरिद्वार, देहरादून व हल्द्वानी में लिखित परीक्षा निर्धारित की थी। राजकीय शिक्षक संघ के आह्वान पर शिक्षकों के आंदोलन को देखते हुए सरकार ने परीक्षा से कदम पीछे खींच लिए। अब सीधी भर्ती के लिए नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव विभाग की ओर से शासन को भेजा जा चुका है।
संशोधित प्रस्ताव के अनुसार सीधी भर्ती के लिए आयु सीमा को 50 वर्ष से बढ़ाकर 55 वर्ष किया जाएगा। भर्ती परीक्षा में एलटी शिक्षकों के लिए अवसर बढ़ाते हुए सेवा अवधि को 10 वर्ष से बढ़ाकर 15 वर्ष करने का प्रस्ताव है। साथ में बीएड डिग्री नहीं होने पर भी प्रवक्ता संवर्ग के शिक्षक सीधी भर्ती में सम्मिलित होने के पात्र होंगे।
मंत्रिमंडल की मुहर लगने के बाद इस प्रस्ताव के अनुसार भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि विभाग में विभिन्न रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दिए गए हैं। विभिन्न भर्तियों में हो रही कठिनाइयों के निराकरण को संबंधित प्रस्तावों पर मंत्रिमंडल की सहमति ली जाएगी।