उत्तराखण्डकुमाऊं,गढ़वाल,

उत्तराखंड- नकलची अभ्यर्थियों के खिलाप UKSSSC ने की सख्ती, नियमावली तैयार

भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक प्रकरणों से उबरने के बाद अब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने नकलचियों पर और सख्ती कर दी है। वह कानूनी दांव-पेच में आयोग की डिबार होने की कार्रवाई से अदालत में जाकर नहीं बच पाएंगे।

इसके लिए आयोग ने नियमावली तैयार की है, जिसके तहत आयोग एक से पांच साल के लिए सीधे तौर पर प्रतिवारित (डिबार) करेगा।

यह भी पढ़ें 👉  लालकुआँ- अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच आपसी सौहार्द व टीम भावना होनी चाहिए- सीईओ अजय गुप्ता

दरअसल, आयोग ने आठ भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक प्रकरणों में 249 अभ्यर्थियों को परीक्षाओं से पांच साल के लिए डिबार किया था। इनमें से करीब 65 अभ्यर्थी हाईकोर्ट से स्टे ले आए थे। आयोग ने डिबार की कार्रवाई पुलिस की जांच के आधार पर की थी, लेकिन पुलिस ने ज्यादातर अभ्यर्थियों को सरकारी गवाह बना लिया। इसके चलते यह अभ्यर्थी फिलहाल परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। लेकिन इन कानूनी दांव-पेच से अब आने वाले समय में अभ्यर्थी डिबार होने बच नहीं पाएंगे।

यह भी पढ़ें 👉  Uttarakhand Weather: मौसम का बदला पैटर्न, उत्तराखंड तक नहीं पहुंच रहीं हवाएं, लगातार बढ़ रहा तापमान

आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि आयोग ने एक नियमावली तैयार करके शासन को भेजी है। इसके तहत पांच श्रेणियों में अभ्यर्थियों को दंडित किया जाएगा। इसमें परीक्षा कक्ष में मोबाइल या कैलकुलेटर का इस्तेमाल करने, किसी अन्य के स्थान पर परीक्षा में शामिल होने, ओएमआर शीट की अदला-बदली करके नकल करने, परीक्षा में ओएमआर की डुप्लीकेट कॉपी भी अपने साथ ले जाने और अन्य किसी तरह से नकल करने की श्रेणी शामिल है।

यह भी पढ़ें 👉  बिन्दुखत्ता में शिक्षक ने की 11 में पढ़ने वाली नाबालिक छात्रा से छेड़खानी, तहरीर मिलने के बाद जांच में जुटी पुलिस