उत्तराखंड- यहाँ संदिग्ध अवस्था में मिला चौकीदारी का शव, चेहरे पर वार, हत्या की आशंका
- चेहरे पर हुआ वार, शव को घसीट कर सौ मीटर दूर पालेज में फेंका
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि होगी
किच्छा न्यूज़– सब्जी की पालेज की रखवाली में लगे चौकीदार का शव खून से लथपथ झोपड़ी से दूर मिलने से हड़कंप मच गया। चौकीदार के चेहरे पर चोट के निशान मिले है। पुलिस ने शव का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। चौकीदार की हत्या की आशंका जताई जा रही है। पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि होगी।
किच्छा निवासी अब्दुल शमी ने लक्ष्मीपुर क्षेत्र में प्रागफार्म की भूमि ठेके पर ले सब्जी की पालेज लगा रखी है। चरन सिंह आयु 55 वर्ष पुत्र सोहन लाल निवासी धाधा फार्म किच्छा पिछले तीन महीने से पालेज में चौकीदार के रुप में काम कर रहा था। ठेकेदार अब्दुल शमी रोज की तरह पालेज में कामकाज खत्म कर शुक्रवार रात घर वापस चला गया। इस दौरान चरन सिंह पालेज में बनी झोपड़ी में रात में अकेला रहता था।
शनिवार सुबह जब अब्दुल शमी पालेज में पहुंचा तब झोपड़ी में चरन सिंह नहीं था। उसने वहां पहुंच कर उसे आवाज दी परंतु कोई जवाब नहीं मिला तो खोजबीन करने पर चरन सिंह का शव झोपड़ी से सौ मीटर दूर खून से लथपथ पड़ा देख उसके होश उड़ गए। उसके चेहरे पर चोट के निशान थे। शव को झोपड़ी से घसीट कर दूर ले जाया गया था।
घटना की सूचना मिलने पर सीओ बहादुर सिंह चौहान, प्रभारी निरीक्षक धीरेंद्र कुमार पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहंच गए। वहीं चरन सिंह के स्वजन सहित ग्रामीण बड़ी संख्या में वहां घटना की जानकारी मिलने पर पहुंच गए।
जांच में सामने आया कि जिस समय चरन सिंह खाना बना रहा था उस दौरान उसके चेहरे पर वार किया गया था। जिसके कारण उसका चेहरा खून से लथपथ था। उसके बाद उसके शव को झोपड़ी से लगभग सौ मीटर दूर पालेज में घसीट कर ले जाया गया। पुलिस ने आस पड़ोस के लोगों से पूछताछ कर जानकारी कर मामले की तह तक जाने के प्रयास तेज कर दिए है।
चरन सिंह का शव जिस तरह मिला उसे वन्य जीव के हमले की तरह प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया। पुलिस को भी गुलदार के हमले में मृत्यु की सूचना मिली थी। पुलिस ने जब मौके पर पहुंच कर छानबीन प्रारंभ की तो वहां पर किसी जानवर के पंजे के निशान नहीं मिले।
चरन सिंह झापेड़ी के बाहर चूल्हा बना कर स्वंय ही खाना बनाया करता था। ग्रामीणों ने बताया शुक्रवार शाम चरन सिंह गांव से खाद्य सामग्री भी लाया था। पुलिस का अनुमान है कि चरन सिंह के खाना बनाते समय उसके चेहरे पर भारी चीज से वार हुआ जिसके कारण उसका चेहरा लहुलुहान हो गया और चरन सिंह की मौत हो गयी।
पुलिस ने जब घटना स्थल का बारीकि से निरीक्षण किया तो वहां उसको दो दांत भी टूटे हुए मिले। वह दांत चरन सिंह के होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। माना जा रहा है कि हत्या के बाद चरन सिंह का शव घसीट कर पालेज में फेंक उसकी मृत्यु वन्य जीव के हमले का परिणाम दिखाने का प्रयास किया गया।
चरन सिंह ने जो रात को खाना अपने खाने के लिए बनाया था वह पूरी तरह से सुरक्षित था। चरन सिंह के पेंट भी खूंटी पर लटकी पाई गई। पुलिस ने संदेह होने पर वन विभाग की टीम को मौके पर बुला लिया। वन विभाग की टीम ने निरीक्षण कर किसी तरह के वन्य जीव की मौजूदगी से इंकार कर दिया। पुलिस ने चरन सिंह हत्या की संभावनाओं के चलते संदिग्धों से पूछताछ प्रारंभ कर दी है।
चरन सिंह के तीन पुत्र व दो पुत्रियां है। वह अपने चार बच्चों का विवाह कर चुका है। अपने व्यवहार के चलते चरन सिंह की अपनी अलग क्षेत्र में पहचान थी। उसकी मृत्यु को लेकर ग्रामीण स्तब्ध है। पुलिस की जांच में ही उसकी मृत्यु का कारण पता लग पाएगा। चरन सिंह की इस तरह मृत्यु होगी इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। हर व्यक्ति के अंदर चरन सिंह की मृत्यु का राज सामने लाने काे लेकर एक जिज्ञासा साफ दिखाई दी।
पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में वन्य जीव- संघर्ष के प्रमाण नहीं मिले है। आस पड़ोस के लोगों से पूछताछ कर जानकारी ली जा रही है। पोस्टमार्टम की रिर्पोट के बाद मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा। – बहादुर सिंह चौहान,सीओ किच्छा