उत्तराखण्डकुमाऊं,

उत्तराखंड- यहाँ वन भूमि पर बसे लोगों पर शिकंजा, वन विभाग ने ड्रोन से किया सर्वे, बिजली-पानी कनेक्शन देने पर जांच के लिए संबंधित विभाग को लिखा पत्र

रामनगर न्यूज़- नैनीताल जिले के रामनगर के तराई पश्चिमी वन प्रभाग के पूछड़ी क्षेत्र में वन भूमि पर कब्जे के मामले में वन विभाग ने ड्रोन से क्षेत्र का सर्वे किया। वन क्षेत्र में बने भवनों को बिजली-पानी कनेक्शन देने बाबत जांच के लिए संबंधित विभागों को पत्र लिखा है और साथ ही कनेक्शन काटने का अनुरोध किया है।

डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्या के नेतृत्व में रामनगर रेंज के पूछड़ी में अतिक्रमण वाले क्षेत्र का ड्रोन से सर्वे किया गया। पूछडी, बिहारी टप्पर आदि में सर्वेक्षण और मुनादी कराई गई। इसमें लोगों को स्वयं अतिक्रमण खाली करने के निर्देश देते हुए भूमि के दस्तावेज के साथ डीएफओ ऑफिस बुलाया है। उन लोगों को भी ऑफिस बुलाया है जिन्होंने जमीन बेची है। डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्या का कहना है कि वन क्षेत्र में बने मकानों में बिजली-पानी के कनेक्शन दिए गए हैं।

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इन कनेक्शन की जांच के लिए ऊर्जा निगम व जल संस्थान को पत्र लिखा गया है। जांच कर अवैध होने पर कनेक्शन काटने का अनुरोध किया है। यहां एसडीओ प्रदीप धौलाखंडी, प्रशिक्षु एसडीओ मुदित आर्य, रेंज अधिकारी जेपी डिमरी, वन दरोगा मोहन पांडे, सोनी शर्मा अन्य वन कर्मी मौजूद रहे।

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कोसी नदी के किनारे पूछड़ी क्षेत्र में एकाएक आबादी बढ़ रही है। यहां वन भूमि पर अतिक्रमण कर बसे अधिकतर लोग यूपी के विभिन्न जिलों से हैं। बड़ा सवाल है कि 10 से 50 रुपये के स्टांप पर वन भूमि का अवैध सौदा होता रहा। लेकिन वन विभाग और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना रहा।

वही पूछड़ी, जोगीपुरा तराई पश्चिमी वन प्रभाग के रामनगर रेंज के अंतर्गत आता है। बता दें कि पूछड़ी और जोगीपुरा राजस्व गांव हैं। इन गांवों के आसपास लगातार अवैध कॉलोनी बस रही हैं। पूछड़ी और जोगीपुरा का धीरे-धीरे विस्तार हो रहा है और लोगों ने अवैध तरीके से कोसी नदी के तट तक मकान बना दिए हैं। अतिक्रमण को देखते हुए दो साल पहले वन विभाग की ओर से सत्यापन की कार्यवाही भी की गई थी। सत्यापन के बाद विभाग ने भी कोई कार्यवाही नहीं की।

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