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उत्तराखंड- चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का मानदेय अब होगा 20 हजार रुपये, 2500 पद भरने को बहाना पड़ रहा है पसीना

देहरादून न्यूज़- प्रदेश में राजकीय विद्यालयों में आउटसोर्सिंग पर तैनात होने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 20 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। केंद्र सरकार ने हाल ही में मजदूरी की दरें बढ़ाई हैं।

इन दरों के अनुसार अब संशोधित मानदेय का प्रस्ताव है। साथ ही चतुर्थ श्रेणी के 2500 पदों पर चयन के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी का चयन जेम (जीईएम) पोर्टल के स्थान पर ई-टेंडरिंग से किया जाएगा।

इन दोनों प्रस्तावों पर शासन स्तर पर मंथन चल रहा है। अगले माह अक्टूबर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की तैनाती हो सकती है। राजकीय विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं होने से कामकाज प्रभावित हो रहा है। हालत यह है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में घंटी बजाने के लिए कर्मचारी नहीं हैं।

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विद्यालयों में महत्वपूर्ण सामग्री की सुरक्षा की भी ठोस व्यवस्था नहीं है। इन सभी परेशानी को देखकर सरकार ने चतुर्थ श्रेणी के मृत संवर्ग घोषित 2500 पदों को आउटसोर्स से भरने को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद भी एक वर्ष से अधिक समय बीत गया, लेकिन तैनाती नहीं हो पाई।

मानक पर खरा नहीं उतर पाईं 78 एजेंसी

शिक्षा विभाग ने पहले आउटसोर्स एजेंसी उपनल और पीआरडी के माध्यम से भी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की तैनाती पर विचार किया, लेकिन इसे धरातल पर उतारा नहीं जा सका। बाद में आउटसोर्स एजेंसी के चयन के लिए जेम पोर्टल पर प्रक्रिया प्रारंभ की गई।

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लगभग 78 एजेंसियों ने आवेदन किया, लेकिन विभाग के मानकों पर एक भी एजेंसी खरा नहीं उतर पाई। परिणामस्वरूप में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का चयन निर्धारित समय पर नहीं हो सका। अब जेम पोर्टल के स्थान पर ई-टेंडरिंग से आउटसोर्स एजेंसी का चयन किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत के शीघ्र पद भरने के निर्देश

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इसी प्रकार केंद्र सरकार ने हाल ही में मजदूरी की दरें परिवर्तित की हैं। नई दरों के अनुसार चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के मानदेय में पांच हजार रुपये की वृद्धि प्रस्तावित है। उन्हें 15 हजार रुपये के स्थान पर 20 हजार रुपये देने के संबंध में प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है।

शासन स्तर पर इन दोनों प्रस्तावों पर मंथन चल रहा है। शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों को आउटसोर्सिंग से शीघ्र भरने के संबंध में शासन और विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।