उत्तराखण्डकुमाऊं,गढ़वाल,

  • मुख्य सचिव ने पल्स एनीमिया महा अभियान की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
  • राज्य में 49 वर्ष तक की आयु की 46.4 गर्भवती महिलाएं एनीमिया से हैं ग्रसित

देहरादून न्यूज़– गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव के दृष्टिगत चल रही खुशियों की सवारी वाहन सेवा का लाभ अब प्रसव पूर्व होने वाली जांच के लिए भी निश्शुल्क मिल सकेगा।

 

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पल्स एनीमिया महाभियान की समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसके निर्देश दिए। साथ ही इस संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने को भी कहा, ताकि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाली साधनविहीन गर्भवती महिलाओं को इसका लाभ मिल सके।

यह भी पढ़ें 👉  केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट के जन्मदिवस पर हवन यज्ञ करने के साथ-साथ बच्चों को स्कूल बैग और आशा कार्यकत्रियों को किया सम्मानित

 

 

समीक्षा बैठक में राज्य में महिलाओं में खून की कमी (एनीमिया) से संबंधित प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। बात सामने आई कि 49 वर्ष तक की आयु की 46.4 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं। इस मामले में राष्ट्रीय औसत 50.4 प्रतिशत है।

 

 

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि एनीमिया को दूर करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से तैयार कार्ययोजना का महिला कल्याण एवं बाल विकास, स्वास्थ्य व शिक्षा विभाग की सहायता से क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जाए।

 

 

मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को सभी गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था के पहले चरण में ही एनीमिया की पहचान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही जिलाधिकारियों को जिलों में विशेषकर गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की नियमित जांच, रिपोर्टिंग और इस कार्य के लिए महिला कल्याण एवं बाल विकास व एएनएम के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने को निर्देशित किया।

यह भी पढ़ें 👉  लालकुआँ-यहाँ नशे में धुत ऑटो चालक ने अचानक सड़क पर लगाए ब्रेक, सड़क में बिखर गई सवारियां, कई जख्मी, VIDEO

 

 

मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को हर माह सभी विद्यालयों में छात्राओं में हीमोग्लोबिन लेवल की जांच कराने और इसे उपस्थिति रजिस्टर में भी अनिवार्य रूप से दर्ज कराने पर जोर दिया। उपस्थिति रजिस्टर में हीमोग्लोबिन लेवल की जांच व जानकारी अंकित करने की जिम्मेदारी प्रधानाचार्य के निर्देश पर कक्षा अध्यापक की होगी।

 

 

यह जांच नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से कराई जाएगी। छात्राओं के हीमोग्लोबिन लेवल की नियमित जानकारी रिपोर्ट कार्ड के माध्यम से अभिभावकों को भी दी जाएगी। मुख्य सचिव ने विद्यालयों में सप्ताह में एक वादन स्वास्थ्य जानकारी पर आयोजित करने को भी कहा।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी- कार सवार युवकों ने स्कूटी से जा रही लड़कियों से की छेड़छाड़, रास्ता रोका, वीडियो वायरल होने पर मचा हड़कंप, पुलिस ने दोनों कारो को सीज कर पांच आरोपियों को किया गिरफ्तार

 

 

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को टीबी मुक्त उत्तराखंड के लक्ष्य को जल्द पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की कार्ययोजना पर गंभीरता से कार्य करने को भी कहा। बैठक में स्वास्थ्य सचिव डा आर राजेश कुमार, अपर सचिव स्वाति भदौरिया सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे, जबकि सभी जिलाधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक से जुड़े।