सावधान! अब बिना ओटीपी बताए ही साइबर ठग खाता कर रहे खाली, तरीका ऐसा कि कोई भी आसानी से बन सकता है शिकार
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- फर्जी किसान सम्मान निधि एप से ठगी का बिछाया जाल
- मुख्य कृषि अधिकारी के नंबर से किया वायरल, कई हुए शिकार
रुद्रपुर न्यूज़– साइबर ठग पीएम किसान सम्मान निधि के नाम से फर्जी मैसेज फारवर्डिंग एप डेवलप कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। कुछ दिनों पहले एक वाट्सएप ग्रुप में मुख्य कृषि अधिकारी के नंबर से यह एप वायरल किया गया था।
इसे इन्स्टाल करते ही सभी निजी मैसेजे अज्ञात नंबर पर फारवर्ड हो रहे हैं। इसका पता तब चल रहा है, जब अकाउंट खाली हो रहा है। अब तक नगर आयुक्त सहित अन्य लोग इसका शिकार बन चुके हैं। ऐसे में किसी अंजान एप को डाउनलोड करना खतरे से खाली नहीं है।
बदलते समय के साथ ही साइबर ठगों के तरीके भी तेजी से बदल रहे हैं। एटीएम बदलकर, फिर ओटीपी पूछकर और लिंक भेजकर ठगी का तौर तरीका सार्वजनिक हुआ तो अब साइबर ठग अब एक्सपर्ट्स को भी अपने गिरोह में शामिल कर रहे हैं।
पिछले कुछ समय से साइबर थाने में या कंप्लेन नंबर पर ऐसी शिकायतें पंजीकृत हो रही हैं, जिनमें पीड़ित यह बता रहे हैं कि उनकी ओर से कोई ओटीपी साझा नहीं किया गया, फिर भी शिकार हो चुके हैं।
जिला मुख्यालय में एक वाट्सएप ग्रुप में मुख्य कृषि अधिकारी के नंबर से एक ग्रुप में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि नाम से एप्लीकेशन भेजा गया, जिसके बाद यह मामला प्रकाश में आया। नगर आयुक्त नरेश चंद्र दुर्गापाल के खाते से एक लाख 84 हजार रुपये भी ठगों ने इसी प्रकार उड़ा दिए। जबकि दो विद्यार्थियों ने भी ऐसी ही घटना होने की शिकायत की है।
साइबर ठग किसी एप डेवलपर को अपने गिरोह में शामिल करते हैं, या उनसे मैसेज फारवर्डिंग एप बनवाते हैं। इस एप में ठग अपना नंबर जोड़ देते हैं। इस एप की खासियत है कि इंस्टाल करते ही यह आपके फोन से गायब हो जाएगा। इसके बाद आपके मोबाइल पर आया प्रत्येक मैसेज अज्ञात नंबर पर भी फारवर्ड होने लगेगा।
इस प्रकार बिछाते हैं जाल
ठग एप बनाने के बाद किसी ऐसे व्यक्ति, अधिकारी को निशाना बना रहे हैं, जो समाज से जुड़ा हो या प्रतिष्ठित हो। एप जैसे ही उनके मोबाइल में इन्स्टाल किया जाता है, वह उनका मोबाइल नंबर वाट्सएप पर जोड़ ओटीपी रिक्वेस्ट भेज देते हैं।
उस व्यक्ति के मोबाइल पर आया ओटीपी का मैसेज स्वत: उस अज्ञात नंबर पर जा रहा है। इसके बाद ठग संबंधित व्यक्ति का वाट्सएप हैक कर उनके ग्रुप में एप साझा कर देता है और संबंधित लोग भी शिकार होने लगेंगे।
ऐसे करें खुद का बचाव
- किसी भी अनजान एप्लीकेशन को डाउनलोड न करें।
- अपने मैसेज बाक्स को चेक करें कि आपके मैसेज किसी अनजान नंबर पर फारवर्ड तो नहीं हो रहे हैं।
- मैसेज फारवर्ड होने की स्थिति में सेटिंग में जाएं और एप मैनेजमेंट में उस अनजान एप को अनइन्स्टाल करें।
- किसी भी एप को डाउनलोड करने पर उसे मैसेजिंग, काल, कैमरा की अनुमति बिना पुष्टि के न दें।
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