उत्तराखण्डकुमाऊं,

नैनीताल- हल्द्वानी मेयर के निर्वाचन को कोर्ट में चुनौती, न्यायालय की ओर से रिटर्निंग ऑफिसर समेत प्रत्याशियों को नोटिस जारी

नैनीताल जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा चुनाव ट्रिब्युनल सुबीर कुमार की न्यायालय ने हल्द्वानी के मेयर पद के लिए हुए निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया है। न्यायालय की ओर से रिटर्निंग ऑफिसर, शहरी विकास समेत संबंधित प्रत्याशियों को नोटिस जारी किए गए हैं। सुनवाई के लिए 18 फरवरी की तिथि नियत की गई है।

 

कांग्रेस प्रत्याशी ललित जोशी की ओर से निर्वाचन को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई है। चार बिंदुओं की शिकायत में उन्होंने कहा है कि चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को 71,962 मत मिले जबकि उन्हें 68,068 मत मिले हैं। उनका कहना है कि चुनाव में 6769 मत निरस्त हुए हैं, जो जीत के अंतर से कहीं ज्यादा हैं। मतदान फार्म-19 में दर्ज मतों की संख्या और मतपेटियों से प्राप्त मतों की संख्या में भी काफी अंतर है। उन्होंने आनंदा अकादमी डहरिया मुखानी के दो बूथ, महर्षि विद्या मंदिर के दो बूथ और एक अन्य का हवाला देते हुए इस अंतर की शिकायत की है।

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याचिकाकर्ता ने शिकायत की है कि बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब थे। आरोप है कि कई मामलों में गलत नाम दर्शाकर लोगों को मतदान से रोका गया साथ ही मतदाता सूची में 25 फीसदी की गड़बड़ी है। याची के अधिवक्ता के अनुसार चुनाव ट्रिब्युनल ने याचिका स्वीकार कर रिटर्निंग ऑफिसर, शहरी विकास समेत संबंधित प्रत्याशियों को नोटिस जारी किए गए हैं। सुनवाई के लिए 18 फरवरी की तिथि नियत की है।

हल्द्वानी वार्ड 11 के सभासद के निर्वाचन को चुनौती
जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा चुनाव ट्रिब्युनल सुबीर कुमार की न्यायालय ने हल्द्वानी के वार्ड 11 के सभासद पद के लिए हुए निर्वाचन को भी चुनौती दी गई है। न्यायालय ने याचिका स्वीकार कर लिया है। इसमें भी रिटर्निंग ऑफिसर समेत अन्य को नोटिस जारी कर सुनवाई के लिए तीन मार्च की तिथि तय की गई है।

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नवाबी रोड तल्ली बमोरी निवासी भास्कर चंद्र की ओर से याचिका दायर कर की गई है। इसमें डीएम/जिला निर्वाचन अधिकारी, सहायक निर्वाचन अधिकारी समेत विजयी प्रत्याशी को प्रतिवादी बनाया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि विजयी प्रत्याशी के नामांकन के शपथपत्र में कई जानकारियां छिपाई गई हैं, जिनमें उनके खिलाफ क्रिमिनल केस भी शामिल हैं। उनके विरुद्ध मुकदमा होने पर भी निर्वाचन रद्द नहीं किया जा रहा है। अदालत ने याचिका का स्वीकार कर लिया है।

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