संविधान दिवस पर लाल बहादुर शास्त्री राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हल्दूचौड़ में आयोजित एकदिवसीय शिविर, प्रस्तावना का सामूहिक वाचन और जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न

लाल बहादुर शास्त्री राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हल्दूचौड़ में संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) इकाई की ओर से एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सीमा श्रीवास्तव द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया।
शिविर में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवियों, रोवर-रेंजर्स एवं महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रगीत गान के साथ की गई।
शिविर के बौद्धिक सत्र में संविधान दिवस के महत्व पर चर्चा की गई।
इस दौरान — डॉ. अरुण कुमार चतुर्वेदी ने भारतीय संविधान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और नागरिकों के जीवन में संविधान के महत्त्व पर विस्तार से विचार व्यक्त किए।
डॉ. प्रदीप मंडल ने भारतीय संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों और भारतीय नागरिकों के कर्तव्यों के संबंध में छात्रों को जागरूक किया।
इसके पश्चात राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सरोज पंत द्वारा सभी के समक्ष भारतीय संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन कराया गया।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सीमा श्रीवास्तव ने संविधान की प्रस्तावना के दार्शनिक पक्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “हम भारत के लोग” शब्द पूरे देश के नागरिकों को एक सूत्र में जोड़ते हैं और राष्ट्र की एकता का आधार हैं।
कार्यक्रम के दौरान NSS स्वयंसेवियों ने भी अपने विचार रखकर संविधान के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की।
पूरे कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनोज जोशी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के कई शिक्षकगण एवं कर्मचारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से —
प्रो. एल. एम. पांडे, प्रो. चन्द्रवती जोशी, डॉ. तारा भट्ट, डॉ. चन्द्रकांता, डॉ. मंजू जोशी, डॉ. आर. के. सनवाल, डॉ. विपिन जोशी, डॉ. कमला पांडे, डॉ. रीता दुर्गापाल, डॉ. संजय कांडपाल, डॉ. नीलम कनवाल, डॉ. हेमचंद, डॉ. कल्पना शाह, डॉ. कमलेश्वर त्रिपाठी, डॉ. जगत बिष्ट, डॉ. वीरेंद्र दानू, डॉ. भगवती देवी, गिरीश पांडे, दिनेश जोशी, प्रेमा भट्ट, हेमा जीना, लक्ष्मी, कमला जोशी, मुन्नी जोशी आदि शामिल रहे।
कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ और अंत में सभी प्रतिभागियों को संविधान की मूल भावना को समाज तक पहुंचाने एवं राष्ट्रहित में योगदान देने का संकल्प दिलाया गया।







